
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
बिलासपुर / मितानिन स्वास्थ्य कार्यक्रम में वर्षों से कार्यरत प्रशिक्षिकाएं (एम.टी.) और क्षेत्र समन्वयक (ए.सी.) गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। शहरी क्षेत्र में मितानिन कार्यक्रम को सहयोग देने वाले इन कार्यकर्ताओं को अप्रैल, मई और जून 2025 की क्षतिपूर्ति राशि अब तक नहीं मिली है, जिससे वे मानसिक और आर्थिक तनाव से गुजर रहे हैं।
प्रशिक्षिकाओं का कहना है कि वे वर्ष 2012 से इस स्वास्थ्य मिशन का अभिन्न हिस्सा रही हैं और लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने में अपना योगदान दे रही हैं। इसके बावजूद, विगत तीन माह से उन्हें किसी भी प्रकार की पारिश्रमिक या क्षतिपूर्ति प्राप्त नहीं हुई है। कई प्रशिक्षिकाएं और समन्वयक ऐसी स्थिति में हैं कि उन्हें अपने बच्चों की शिक्षा और घरेलू जरूरतों की पूर्ति में कठिनाई हो रही है।

एक मितानिन प्रशिक्षिका ने बताया, “हम पूरी निष्ठा से अपने कार्य में लगी हुई हैं, परंतु बिना क्षतिपूर्ति के अब कार्यस्थल तक पहुंचने में भी परेशानी होने लगी है। आर्थिक रूप से हम कमज़ोर हो गए हैं।”
उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO), जिला प्रशासन और राज्य स्वास्थ्य मिशन से मांग की है कि जल्द से जल्द लंबित भुगतान को जारी किया जाए, जिससे उन्हें राहत मिल सके और वे पुनः पूरी ऊर्जा से कार्य कर सकें।
ज्ञात हो कि मितानिन स्वास्थ्य सेवाओं में समुदाय और सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी का कार्य करती हैं। यदि इन कार्यकर्ताओं को समय पर क्षतिपूर्ति नहीं मिलेगी, तो इससे पूरे स्वास्थ्य सेवा तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
प्रशिक्षिकाओं और समन्वयकों ने प्रशासन से इस विषय पर त्वरित और संवेदनशील पहल की मांग की है।