
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
Bilaspur / छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना आज महिलाओं के लिए राहत कम और परेशानी ज्यादा बन गई है। जिले की सैकड़ों महिलाएं बीते 3-4 महीनों से भुगतान बंद होने से परेशान हैं। योजना के तहत हर महीने मिलने वाली आर्थिक सहायता अचानक रुक गई है, जिससे महिलाएं रोजमर्रा की जरूरतों और दवाइयों की व्यवस्था भी नहीं कर पा रही हैं।

परेशान महिलाएं बैंक और महिला बाल विकास कार्यालय के लगातार चक्कर काट रही हैं, पर समाधान नहीं मिल रहा। कईयों को तो यह तक जानकारी नहीं कि उनके खाते में पैसा क्यों नहीं आ रहा। कुछ को ₹500 मिल रहा है, कुछ को बिजनेस खाते का बहाना बनाकर वंचित किया जा रहा है। कहीं केवाईसी अपडेट नहीं है तो कहीं DBT लिंकिंग अधूरी है।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार, अब भुगतान NEFT की बजाय डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) से किया जा रहा है, जिसके लिए आधार और बैंक खाते की लिंकिंग जरूरी है। जिन हितग्राहियों की यह प्रक्रिया अधूरी है, उन्हें फिलहाल राशि नहीं मिल रही। दावा किया जा रहा है कि जैसे ही तकनीकी प्रक्रिया पूरी होगी, लंबित भुगतान भी कर दिया जाएगा।
महिलाओं का आरोप है कि यह योजना चुनावी फायदे के लिए शुरू की गई थी, लेकिन अब उनके साथ अन्याय हो रहा है। एक को दिया जा रहा, दूसरी को रोका जा रहा – यह कैसा नियम-कानून है?
डिजिटल इंडिया की हकीकत
हर साल केवाईसी, बैंक अपडेट, आधार लिंकिंग जैसी प्रक्रिया से महिलाएं, किसान और आम नागरिक त्रस्त हैं। सरकार डिजिटल इंडिया की बात तो करती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि ऑनलाइन प्रक्रिया के बावजूद आम लोगों को बार-बार दस्तावेज़ लेकर कतार में खड़ा होना पड़ रहा है।