
बिलासपुर- आनंद सागर सेवा प्रवाह की संस्थापिका डॉ. सुषमा पंड्या की पहल पर चेतना हॉल, पुलिस लाइन बिलासपुर में एक भावनात्मक एवं ऐतिहासिक “सम्मान समारोह” का आयोजन किया गया। इस आयोजन में 75 वर्ष से अधिक आयु की माताओं को “मातृवंद्या सम्मान” तथा सेवा भाव से बुजुर्गों की देखभाल करने वाली बहू-बेटियों को “सियान सेवा सम्मान” से नवाजा गया।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुई। सुमिता दास गुप्ता एवं समूह ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर माहौल को भावपूर्ण बना दिया। समारोह में सबसे बुजुर्ग 97 वर्षीय श्री लक्ष्मण शंकर राव भेदी को “संस्कार दाता सम्मान” प्रदान किया गया। उन्हें पितामह की पगड़ी पहनाकर शाल, श्रीफल, मिठाई और सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. विनय कुमार पाठक (पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग एवं कुलपति, थावे विश्वविद्यालय, बिहार) ने की।
विशिष्ट अतिथियों में आईपीएस वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह, न्यायमूर्ति चंद्रभूषण बाजपेई (पूर्व न्यायाधीश, उच्च न्यायालय), वरिष्ठ समाजसेवी श्री अनिल टाह, महापौर श्रीमती पूजा विधानी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती अर्चना झा शामिल रहे।

इस अवसर पर –
31 माताओं को क्राउन, माला, शाल, श्रीफल, मिठाई एवं सम्मान पत्र देकर “मातृवंद्या सम्मान”
31 बहू-बेटियों को शाल एवं मोमेंटो देकर “सियान सेवा सम्मान”
85+ आयु के 2 पिताओं को “संस्कार दाता सम्मान”
75+ आयु के 2 दंपतियों को “सह-जीवनसाथी सेवा सम्मान” से सम्मानित किया गया।
अतिथियों ने इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह सम्मान समारोह पूरे समाज के लिए प्रेरणादायी है। माता-पिता को वृद्धाश्रम भेजने के बजाय घर पर सेवा करने का संदेश ही इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
चेतना हॉल में आयोजित इस अद्वितीय समारोह में लगभग 200 लोगों की उपस्थिति रही। समाजसेवी, साहित्यकार, शिक्षाविद और अनेक परिवारों ने भागीदारी कर इस सम्मान उत्सव को यादगार बना दिया।
आनंद सागर सेवा प्रवाह से संरक्षक कविता शर्मा, उपाध्यक्ष सुमिता दास गुप्ता, सहसचिव सुमन सिंह, कोषाध्यक्ष पंडित बाबूलाल पंड्या, मीडिया प्रभारी रश्मि श्रीवास, सहित निहारिका श्रीवास, नीलिमा गुलहरे, शांति लकड़ा, सीमा सिंह, उषा पटेल, श्रद्धा शर्मा, आस्था मिश्रा एवं राहुल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन सुश्री सायली भेदी एवं सुश्री ओजस्वी भेदी ने किया।
समारोह में उपस्थित सभी लोग भावुक एवं प्रफुल्लित नज़र आए और आनंद सागर सेवा प्रवाह की इस अद्भुत पहल को ऐतिहासिक बताया।