
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
बिलासपुर न्यूज / प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में हड़ताल और आक्रोश का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को मितानिन प्रशिक्षिकाओं और मितानिनों ने एक बार फिर 6 माह से लंबित वेतन भुगतान की मांग को लेकर जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय का घेराव किया। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी कर कहा कि वेतन न मिलने के कारण उनके परिवार भूखा मरने की कगार पर पहुंच गए हैं।
प्रदर्शनकारी मितानिनों का कहना है कि वे पिछले 5 से 6 महीने से लगातार अपनी सेवाएं दे रही हैं, लेकिन विभाग द्वारा उनका मेहनताना अटका दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब नियमित स्टाफ का वेतन समय पर हो रहा है तो उन्हें क्यों उपेक्षित किया जा रहा है। “खाने-पीने के भी लाले पड़ गए हैं, आखिर कब मिलेगा बकाया वेतन कोई जवाबदेह सामने नहीं आ रहा है” – नाराज़ मितानिनों ने कहा।
फुट डालने का आरोप
बंधवापारा स्वास्थ्य केंद्र से पहुंची मितानिनों ने विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्वास्थ्य महकमे ने आधे मितानिनों को तो वेतन का भुगतान कर दिया, जबकि बाकी को अब तक रकम नहीं दी गई है। उनका कहना है कि यह तरीका साफ तौर पर उनमें फुट डालने की कोशिश है, ताकि आंदोलन कमजोर पड़ जाए।
6 माह से बकाया वेतन न मिलने से मितानिन प्रशिक्षिका आक्रोशित, रोज़ी-रोटी और बच्चों की पढ़ाई पर संकट। प्रशिक्षिका का कहना है कि नियमित कार्यरत रहकर भी सरकार वेतन भुगतान नहीं कर रही, आखिर कौन सा मंत्री-नेता है जो बिना तनख्वाह 6 माह तक काम कर पाएगा?
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) से जुड़े लगभग 50 फीसदी स्टाफ इन दिनों हड़ताल पर है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ रहा है। अब देखना होगा कि विभाग इन आक्रोशित मितानिनों की मांगों पर कब तक संज्ञान लेता है और उनके बकाया वेतन का भुगतान करता है।