
प्रवीण झा ने महामाया मंदिर में किए दर्शन, मार्ग में श्रद्धालुओं को वितरित किया प्रसाद
नवरात्र महापर्व के अवसर पर शहर के सुप्रसिद्ध समाजसेवी प्रवीण झा ने अपने पूरे परिवार सहित माँ महामाया के पावन दरबार में पहुँचकर विशेष पूजन-अर्चन की। मंदिर आरती और दुर्गा सप्तशती के मंत्रोच्चार के बीच झा परिवार नतमस्तक हुआ और माँ महामाया से सुख-समृद्धि एवं समाज के मंगल की कामना की।

पूजन उपरांत उन्होंने मंदिर में पहुंचने वाले भक्तजनों को भोग अर्पित कर प्रसाद वितरण किया। राहगीरों और स्थानीय लोगों ने श्रद्धा से प्रसाद ग्रहण किया और माँ के जयकारों से वातावरण गूंज उठा।
इस अवसर पर प्रवीण झा ने कहा –
“माँ महामाया के दरबार में आकर अद्भुत शांति और ऊर्जा मिलती है। माता का आशीर्वाद सभी पर बना रहे, यही मेरी प्रार्थना है।”

नैला और डोंगरगढ़ दर्शन
माँ महामाया मंदिर के दर्शन उपरांत झा परिवार ने नैला स्थित दुर्गा पंडाल पहुँचकर पूजा-अर्चना की। वहाँ समिति सदस्यों और श्रद्धालुओं से भेंट कर उन्होंने नवरात्र की शुभकामनाएँ दीं।
इसके साथ ही परिवार ने डोंगरगढ़ स्थित माँ बम्लेश्वरी मंदिर में भी दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने कहा –
“डोंगरगढ़ आकर हर बार आत्मिक संतोष और नई शक्ति का अनुभव होता है। माँ बम्लेश्वरी की कृपा से प्रदेशवासियों के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे।”

शहर की समितियों में सहभागिता
नवरात्र पर्व के दौरान प्रवीण झा परिवार सहित शहर की विभिन्न दुर्गा उत्सव समितियों में भी सम्मिलित हुए। बहतराई स्टेडियम, सरकंडा
सार्वजनिक दुर्गा पूजा, प्रगति संघ काली बाड़ी
छत्तीसगढ़ दुर्गा उत्सव समिति, जबड़ा पारा
मध्य नगरी दुर्गोत्सव समिति, मध्य नगरी चौक
विकासशील दुर्गा उत्सव समिति, जूनी लाइन
नवयुवक दुर्गा उत्सव समिति
साईं परिसर सांस्कृतिक एवं पूजा समिति, श्रीकांत वर्मा मार्ग
नव प्रभात दुर्गा उत्सव समिति
हर स्थान पर उन्होंने माता के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित की, समिति पदाधिकारियों और श्रद्धालुओं से भेंट की और सामूहिक आरती में भाग लिया।
समाज के लिए संदेश
पूरे आयोजन में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में मौजूदगी रही। जगह-जगह लोगों ने झा परिवार का स्वागत किया और आशीर्वाद प्राप्त करने की भावना से उनके साथ जुड़ते गए।
प्रवीण झा ने कहा –
“नवरात्र केवल धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने और सेवा का अवसर है। माँ दुर्गा की कृपा से हम सबके जीवन में शांति और उन्नति बनी रहे।”