संवाददाता सूरज वाधवानी
चकरभाठा रेलवे स्टेशन पर ठहराव की मांग तेज — प्रतिदिन सैकड़ों यात्रियों की सुविधा के लिए उठी आवाज
बिलासपुर/ चकरभाठा रेलवे स्टेशन, जो मुंबई और कोलकाता जैसी महानगरों से सीधी जुड़ाव की अहम कड़ी है, आज भी सिर्फ एक पैसेंजर हॉल्ट (P.H.) के रूप में सीमित है। प्रतिदिन लगभग 500 से 600 यात्री यहां से रायपुर और रायगढ़ की दिशा में यात्रा करते हैं, लेकिन सुविधाओं के अभाव और ट्रेनों के ठहराव न होने से उन्हें भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
चकरभाठा स्टेशन से दर्जनों एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनें रोजाना गुजरती हैं, परंतु किसी का भी ठहराव यहां निर्धारित नहीं है। यह स्थिति तब और भी विडंबनापूर्ण हो जाती है जब यह क्षेत्र रणनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है — यहां एयरपोर्ट, सेना छावनी और हाई कोर्ट जैसी संस्थाएं मौजूद हैं। इसके बावजूद रेलवे विभाग द्वारा इस स्टेशन को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि चकरभाठा क्षेत्र की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, और यहां से रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़ समेत कई शहरों के लिए प्रतिदिन सैकड़ों लोग सफर करते हैं। स्टेशन पर न तो यात्रियों के बैठने की उचित व्यवस्था है, न ही पेयजल और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं। गर्मी के दिनों में छांव की व्यवस्था न होने से यात्रियों को खुली धूप में इंतजार करना पड़ता है। वहीं सफाई व्यवस्था भी अत्यंत दयनीय स्थिति में है।
समाजसेवी चंदर मंगतानी ने बताया कि चकरभाठा रेलवे स्टेशन को लंबे समय से उपेक्षित रखा गया है। उन्होंने कहा, “जब इस क्षेत्र में सेना छावनी, एयरपोर्ट और हाई कोर्ट जैसी महत्वपूर्ण संस्थाएं हैं, तो यहां कम से कम कुछ एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव होना चाहिए। इससे न केवल आम जनता को राहत मिलेगी, बल्कि क्षेत्र के विकास को भी नई दिशा मिलेगी।”
मंगतानी ने रेलवे अधिकारियों से अनुरोध किया है कि स्टेशन को पैसेंजर हॉल्ट की श्रेणी से मुक्त कर यहां कम से कम प्रमुख एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित किया जाए। इससे न केवल स्थानीय यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी बल्कि क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी तेजी आएगी।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने भी इस मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि रेलवे प्रशासन को अब इस स्टेशन के महत्व को समझते हुए शीघ्र ठोस कदम उठाने चाहिए। यदि जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो नागरिक बड़े स्तर पर आंदोलन करने को भी तैयार हैं।
चकरभाठा स्टेशन की उपेक्षा — सुविधाओं की कमी और यात्रियों की बढ़ती परेशानी पर रेलवे से जवाब की दरकार
वर्तमान में स्टेशन पर टिकट काउंटर की सीमित व्यवस्था, यात्रियों के लिए ठहरने हेतु शेड की कमी, और साफ-सफाई की दुर्दशा यात्रियों के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है। कई यात्रियों ने बताया कि उन्हें ट्रेन पकड़ने के लिए बिलासपुर,बेल्हा,जैसे दूरस्थ स्टेशनों पर जाना पड़ता है, जिससे समय और धन दोनों की हानि होती है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि चकरभाठा रेलवे स्टेशन पर प्रमुख ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित किया जाए, तो यह न केवल क्षेत्र की कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करेगा, बल्कि यात्रियों को एक बेहतर और सहज यात्रा अनुभव भी प्रदान करेगा।
अंत में समाजसेवी चंदर मंगतानी ने कहा कि रेलवे विभाग को यात्रियों की आवाज सुननी चाहिए और चकरभाठा स्टेशन को एक पूर्ण विकसित स्टेशन का दर्जा देना चाहिए, ताकि यहां से सफर करने वाले नागरिकों को सुविधाजनक और सम्मानजनक यात्रा का अनुभव हो सके।


