
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
Bilaspur / प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत बिलासपुर जिले में हजारों बेघर परिवारों को मिला पक्के घर का तोहफा। “पक्के घर, पक्की उम्मीदें” इस योजना की वह तस्वीर है, जो अब ज़मीन पर उतरती नज़र आ रही है। बीते पांच महीनों में जिला प्रशासन ने रिकॉर्ड 20 हजार से अधिक घरों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया है।
कलेक्टर श्री संजय कुमार अग्रवाल और सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप अग्रवाल के नेतृत्व में बिलासपुर जिले को पूरे छत्तीसगढ़ में अग्रणी बनाया गया है। वर्ष 2024-25 में जिले को 66,000 से अधिक आवासों की मंजूरी मिली, जिनमें से 57,000 से अधिक हितग्राहियों को अब तक लाभ मिल चुका है।

योजना के तहत हितग्राहियों को 1.20 लाख रुपये की राशि तीन किश्तों में जियो टैगिंग के आधार पर DBT के जरिए प्रदान की जाती है। साथ ही मनरेगा के तहत 90 मानव दिवस की मजदूरी भी दी जा रही है। अब तक करीब 479 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की जा चुकी है।
खास बात यह है कि योजना के मॉनिटरिंग की कमान स्वयं कलेक्टर संभाले हुए हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर, समीक्षा बैठकें और प्रेरणा अभियान से योजना की रफ्तार बनी हुई है।

“सुशासन तिहार” शिविरों के जरिए शिकायतों का तत्काल समाधान किया जा रहा है। अब तक 69,546 नए आवेदन दर्ज किए जा चुके हैं।
वहीं पी.एम जनमन योजना के अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति के 959 परिवारों को आवास की मंजूरी मिली है, जिनमें से 225 मकान पूर्ण हो चुके हैं।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए “रानी मिस्त्री प्रशिक्षण” भी प्रारंभ किया गया है, जिससे ग्रामीण महिलाएं निर्माण कार्य में सहयोग कर रही हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना न केवल एक मकान, बल्कि सम्मान, सुरक्षा और आत्मविश्वास का पर्याय बन चुकी है।