[ रिपोर्टर — सुरज पुरेना ]
बिलासपुर न्यूज। शहर में पुलिसिंग की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने वाला मामला सामने आया है। एक ही घटना में सिटी कोतवाली और सिविल लाइन थाने में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। मामला मस्तूरी क्षेत्र के चौकी प्रभारी अवधेश सिंह के रिश्तेदारों से जुड़ा है।
पीड़ित आशुतोष केशवानी, जो तेलीपारा आरके बूट हाउस के बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर हैं, ने बताया कि 26 अक्टूबर की रात वे अपनी दुकान से दवाई लेकर साथी अंकुश तिवारी के साथ घर लौट रहे थे। तभी वृंदावन परिसर के पास सरजू बगीचा निवासी शिवम् सिंह, सन्नी श्रीवास और देव यादव ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। विवाद बढ़ने पर तीनों ने गाली-गलौज कर लाठी-डंडे से हमला कर दिया। सिर, पैर और पीठ में गंभीर चोटें आईं।
आशुतोष की शिकायत पर सिटी कोतवाली पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया। लेकिन, चार दिन बाद आरोपी शिवम् सिंह ने अपने पुलिस चाचा अवधेश सिंह की मदद से पीड़ित के खिलाफ ही सिविल लाइन थाने में झूठी एफआईआर दर्ज करा दी। हैरानी की बात यह कि घटना स्थल भी बदल दिया गया।
पीड़ित का कहना है कि उसने असली घटना का सीसीटीवी फुटेज पुलिस को दिया है, फिर भी उल्टी कार्रवाई कर दी गई। उसने आईजी और एसएसपी से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा—“बिलासपुर में आखिर कैसा सिस्टम चल रहा है, जहां मार खाने वाले पर ही केस दर्ज हो रहा है?”


