
पुरुष प्रधान पेशे में महिलाओं की सशक्त दस्तक | पीएम आवास योजना में निभा रहीं अहम भूमिका
अब ईंट, गारे और दीवारों की जुड़ाई में भी महिलाएं पीछे नहीं हैं। बिलासपुर जिले की स्व-सहायता समूह की महिलाएं – जिन्हें अब ‘रानी मिस्त्री’ के नाम से जाना जा रहा है – प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत आवास निर्माण में अपनी अहम भागीदारी दर्ज कर रही हैं।
एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के तहत इन समूह की दीदियों को राजमिस्त्री का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। पुरुषों के वर्चस्व वाले इस क्षेत्र में अब महिलाएं भी दक्षता और आत्मविश्वास के साथ कदम रख चुकी हैं। बिलासपुर जिले की 37 महिलाओं को रानी मिस्त्री प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जिन्होंने पारंपरिक मेहनत मजदूरी के बजाय अब मिस्त्री का हुनर सीखकर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया है।
जब ये महिलाएं अपने सधे हुए हाथों से ईंटों की जुड़ाई करती हैं तो गाँव के लोग अचंभित रह जाते हैं। यही नहीं, निर्माण कार्य में उपयोग होने वाली सेंटरिंग प्लेट की कमी को भी इन समूहों की महिलाएं ही पूरा कर रही हैं, जिससे निर्माण कार्य में सुगमता आई है।
बिलासपुर प्रदेश का पहला जिला है, जहाँ एनआरएलएम के माध्यम से महिलाओं को राजमिस्त्री का प्रशिक्षण देकर उन्हें पीएम आवास योजना के तहत रोजगार से जोड़ा गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में बिलासपुर में सबसे अधिक आवास स्वीकृत किए गए हैं। इतने बड़े लक्ष्य के कारण ग्राम पंचायतों को प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों की कमी से जूझना पड़ रहा था। इस समस्या का समाधान स्वयं सहायता समूह की सक्रिय महिलाओं ने कर दिखाया।
प्रशिक्षण प्राप्त कर ये महिलाएं अब न केवल स्वयं के लिए रोज़गार सृजित कर रही हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरी हैं। वे नारी सशक्तिकरण की एक मिसाल पेश कर रही हैं, और साथ ही पीएम आवास योजना को गति देने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
बिलासपुर की “रानी मिस्त्रियां” अब सिर्फ दीवार नहीं बना रहीं, वे आत्मनिर्भर भारत की नींव रख रहीं हैं।