
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
बिलासपुर / नगर निगम बिलासपुर के मुख्य पंप हाउस परिसर में चल रही अव्यवस्थाओं को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। बिना किसी वैध आबंटन के वर्षों से कई लोग क्वार्टरों पर कब्जा जमाए बैठे हैं। इनमें से कई ऐसे लोग हैं जिनका नगर निगम से कोई सरोकार ही नहीं है, फिर भी ये लोग वर्षों से यहां रह रहे हैं। इतना ही नहीं, ये अवैध कब्जाधारी बिजली बिल भी नहीं भर रहे, जिसका भुगतान नगर निगम को करना पड़ रहा है।
इन अवैध रूप से रहने वालों द्वारा पंप हाउस परिसर में हर शाम नशाखोरी की जाती है। आरोप है कि ये लोग शराब पीने के लिए परिसर में रखे कबाड़ को चोरी कर बेच भी रहे हैं। आए दिन गाली-गलौज, हंगामा और हिंसा जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। स्थानीय कर्मचारियों और आम नागरिकों में भय का माहौल है।

ताजा घटना 1 जुलाई की है, जब नगर निगम के वाहन चालक सतीश टांडे पर जानलेवा हमला हुआ। हमलावर की पहचान नुतेश मिश्रा उर्फ पिंटू के रूप में हुई है, जो परिसर में शराब पीने के लिए पैसे मांग रहा था। मना करने पर उसने लोहे की कैची से सतीश टांडे के सीने पर वार कर दिया। गनीमत रही कि साथ बैठे अन्य कर्मचारी – नीलकंठ दुबे, संतोष यादव, दुर्गेश साहू, चंद्रशेखर नायडू, ओमकार रजक और कन्हैया सूर्यवंशी – ने बीच-बचाव कर घायल को जिला अस्पताल पहुंचाया।
इस पूरे मामले की पहले भी शिकायत पार्षद अनीता हिमांशु द्वारा की गई थी, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। मामला गंभीर है क्योंकि परिसर में लगातार बाहरी लोगों का आवागमन बना रहता है, जिससे सुरक्षा संकट गहराता जा रहा है।
प्राथमिकी में धारा 296, 115(2), 351(2), 118(1), 119(1), 119(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस बार कब और क्या सख्त कदम उठाता है।