
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
बिलासपुर / शहर की प्रमुख अपोलो रोड इन दिनों बदहाल स्थिति और प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक बन गई है। सड़क चौड़ीकरण के नाम पर जहां सैकड़ों गरीबों के आशियाने उजाड़ दिए गए, वहीं आज तक सड़क निर्माण अधूरा पड़ा है। परिणामस्वरूप यह मार्ग अब ‘मौत का रास्ता’ बन चुका है।
रविवार दोपहर करीब 11:55 बजे एक ई-रिक्शा अनियंत्रित होकर पलट गया। चालक सावधानी से गाड़ी चला रहा था, लेकिन सड़क की खराब हालत के कारण दुर्घटना हो गई। गनीमत रही कि कोई गंभीर हादसा नहीं हुआ। स्थानीय लोगों के अनुसार, ऐसी घटनाएं अब आम हो गई हैं।
अपोलो हॉस्पिटल जैसे जीवन रक्षक केंद्र तक पहुंचने के लिए मरीजों को जान जोखिम में डालनी पड़ रही है। दोपहिया वाहन, एम्बुलेंस और स्कूली बच्चों को इस मार्ग से गुजरना मजबूरी है, जिससे लगातार दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। गड्ढों और उबड़-खाबड़ सड़क से लोगों को रीढ़ और कमर दर्द की शिकायतें भी बढ़ रही हैं।
स्थानीय नागरिकों ने सवाल उठाया है कि यदि किसी की जान जाती है, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? जनता की मांग है कि सड़क निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए और सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया जाए।
प्रशासनिक जानकारी के अनुसार वसंत विहार से रपटा चौक तक रोड निर्माण के लिए सर्वे किया गया है। अतिक्रमण हटाया गया है और नाली निर्माण कार्य प्रगति पर है। बारिश के मौसम में डामरीकरण संभव नहीं होने से कार्य प्रभावित है। सरकंडा जोन क्रमांक 7 के जोन कमिश्नर प्रवीण शर्मा ने भरोसा दिलाया है कि काम जल्द पूरा किया जाएगा।