
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
बिलासपुर मस्तुरी, ग्राम रलिया के निवासियों ने एनटीपीसी सीपत पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी द्वारा सड़क निर्माण के लिए अपनी निजी भूमि का उपयोग न करते हुए उनके बसे-बसाए घरों को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। ये सभी मकान प्रधानमंत्री आवास योजना एवं इंदिरा आवास योजना के तहत बने हैं, जिनमें ये परिवार पिछले 35 वर्षों से निवास कर रहे हैं।
ग्रामीणों – दिलहरण पिता दुजराम, नारद पिता गंगुराम, संत कुमार विश्वकर्मा पिता कुंदन, गणेश राम सिदार पिता भागवत, राजकुमार चन्द्राकर पिता प्रभु, रतन सिदार पिता झुलारी, अमृत सोनी पिता कलीराम, एवं प्रवीण पिता राजकुमार – ने संयुक्त रूप से बताया कि कंपनी के अधिकारी बार-बार आकर बर्तन-भांडा फेंकने और मकान तोड़ने की धमकी दे रहे हैं। इससे भयभीत होकर परिवार दहशत में हैं
उन्हें अपने सिर से छत छिन जाने का डर सता रहा है।

ग्रामीणों ने बताया कि उक्त आवास उनकी एकमात्र सम्पत्ति है और वे आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं हैं कि पुनः नया मकान बना सकें। ऐसे में एनटीपीसी द्वारा आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग की बजाय सीधे गरीबों की बस्ती को निशाना बनाना न केवल अमानवीय है बल्कि योजनाओं के तहत मिले सरकारी आवासों के अधिकारों का भी हनन है।
ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से अपील की है कि वे मामले में हस्तक्षेप कर सड़क निर्माण के लिए वैकल्पिक स्थान तय कराएं, जिससे किसी भी परिवार को बेघर न होना पड़े। साथ ही उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि उन्हें न्याय दिलाया जाए और NTPC की मनमानी पर रोक लगे।