
जिला – मुंगेली।
ग्राम पंचायत देवगांव की स्थिति अब किसी “विकास पंचायत” से ज्यादा “बेबस पंचायत” की हो गई है। पंचायत सचिव परमेश्वर चंद्राकर की लगातार निष्क्रियता और लापरवाही से गांव का सारा कामकाज ठप हो गया है।

गुस्से में आए सरपंच योगेश पटेल, उपसरपंच लक्ष्मीन पटेल, और सभी पंचगण ने आज दिनांक 09 अक्टूबर 2025 से पंचायत कार्यालय में अनुपस्थित रहने का ऐलान कर दिया है।
जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि चार महीनों से गांव के विकास कार्यों की फाइलें सचिव की टेबल पर जमी धूल के नीचे दबी पड़ी हैं, जबकि गांव के लोग परेशान हैं।सरपंच योगेश पटेल ने कहा —> “हमने चार महीने से सचिव की गैरमौजूदगी में खुद ही गांव का काम संभाला। तीन लाख रुपये अपने स्तर से खर्च कर डाले, लेकिन जिला प्रशासन को हमारी आवाज सुनाई नहीं दी। आखिर कब तक एक सचिव के भरोसे पूरा गांव बर्बाद होता रहेगा?”

जनप्रतिनिधियों ने कहा कि बार-बार शिकायत देने के बावजूद जिला प्रशासन सिर्फ आश्वासन देता रहा, कार्रवाई नहीं की।अब पंचायत का स्पष्ट कहना है कि —> “जब तक जिला प्रशासन देवगांव को एक सक्रिय और अनुभवी सचिव नहीं देता, तब तक गांव की हर समस्या की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।”ग्रामीणों का भी गुस्सा चरम पर है। उनका कहना है कि “देवगांव में सचिव नहीं, तानाशाही चल रही है।”
जो गांव खुद अपने पैसों से विकास की कोशिश कर रहा है, उसे प्रशासन का साथ मिलना तो दूर, सिर्फ उपेक्षा मिली है।
अब सवाल यह है —
👉 क्या प्रशासन की नींद खुलेगी?
👉 या देवगांव का यह आक्रोश एक बड़े जनआंदोलन का रूप लेगा?