
साइबर अपराध के खिलाफ जीपीएम पुलिस की बड़ी कार्रवाई चार म्यूल अकाउंट होल्डर्स गिरफ्तार
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (जीपीएम) पुलिस ने साइबर अपराध पर कड़ी कार्रवाई करते हुए चार म्यूल अकाउंट होल्डर्स को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी *कमीशन के लालच में अपने बैंक खाते, एटीएम कार्ड और चेकबुक साइबर ठगों को सौंपते थे* , जिससे ठगी की गई रकम को ट्रांसफर किया जाता था। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि गिरफ्तार आरोपियों के *अन्य राज्यों में सक्रिय साइबर अपराधियों से संबंध थे* और ये गिरोह विदेशी नागरिकों के साथ बिटकॉइन के माध्यम से संदिग्ध वित्तीय लेन-देन में भी शामिल थे।

साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए Indian Cybercrime Coordination Centre (I4C) द्वारा राष्ट्रीय पोर्टल SAMANVAYA संचालित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से जीपीएम पुलिस को ऐसे बैंक खातों की जानकारी मिली जो साइबर ठगी में उपयोग किए जा रहे थे। पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज डॉ. संजीव शुक्ल के मार्गदर्शन और पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता के निर्देशन में साइबर सेल और थाना पेंड्रा-गौरेला की संयुक्त टीम ने इन संदिग्ध बैंक खातों की जांच की और आरोपियों की लोकेशन ट्रेस कर गिरफ्तारी की कार्रवाई की।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान आशीष रजक (ज्योतिपुर, गौरेला), अभिषेक शुक्ला (गौरेला), करण कुमार साहू (पेंड्रा) और संतोष साहू (पेंड्रा) के रूप में हुई है। इन सभी पर *भारतीय न्याय संहिता की धारा 317(2), 317(4), 314, 61(1(2)) और 112 के तहत संगठित अपराध, ठगी से अर्जित संपत्ति के दुरुपयोग और साइबर अपराध की अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।* पुलिस जांच में पता चला है कि इन आरोपियों के खातों में कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में हुई साइबर ठगी से जुड़ी लगभग 50 लाख रुपये की ट्रांजेक्शन के साक्ष्य मिले हैं। इसके अलावा, आरोपियों ने क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी कमीशन का लालच देकर दो दर्जन से अधिक बैंक खाते ठग गिरोहों तक पहुंचाए।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि इन आरोपियों के कुछ विदेशी नागरिकों के साथ भी संबंध थे और ये अवैध रूप से बिटकॉइन के माध्यम से लेन-देन कर रहे थे। इनके असम और गोवा में सक्रिय बड़े मनी म्यूल नेटवर्क से जुड़े होने के प्रमाण भी मिले हैं। आरोपियों के मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त कर लिए गए हैं, जिनका तकनीकी विश्लेषण किया जा रहा है। इससे भविष्य में एक बड़े साइबर ठगी नेटवर्क का खुलासा होने की संभावना है।
जीपीएम पुलिस सभी नागरिकों से अपील करती है कि वे अपने बैंक खाते, एटीएम कार्ड, चेकबुक या सिम कार्ड किसी अनजान व्यक्ति को न दें। साइबर अपराधी लोगों को आसान पैसे का लालच देकर उनके खातों का उपयोग ठगी की रकम को ठिकाने लगाने के लिए करते हैं। बैंक खाते के दुरुपयोग में संलिप्त पाए जाने पर आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी को मनी म्यूलिंग या साइबर ठगी से जुड़ी कोई भी जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें या नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल में शिकायत दर्ज करें।