
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
Bilaspur/ चाटीडीह क्षेत्र में व्यापारियों की दुकानों को प्रशासन द्वारा अचानक तोड़े जाने पर क्षेत्र के व्यापारीगण में भारी आक्रोश और पीड़ा व्याप्त है। दिनांक 8 जून 2025 की सुबह लगभग 5:00 बजे प्रशासनिक अमले ने बिना किसी पूर्व सूचना या नोटिस के कई दुकानों को तोड़ दिया। इस कार्यवाही से व्यापारियों को न केवल भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा, बल्कि उनकी आजीविका पर भी गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है।

व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन ने न तो कोई पूर्व सूचना दी और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की, जिससे वे अपना व्यापार जारी रख सकें। इससे पहले वर्ष 2007 में भी इसी प्रकार की कार्यवाही हुई थी, जब सब्ज़ी मंडी को हटाया गया था। उस समय थोक व्यापारियों को तिफरा क्षेत्र में दुकानें आवंटित की गई थीं, लेकिन चिल्हर व्यापारियों को आज तक कोई स्थायी स्थान नहीं मिल पाया। वे आज भी तिरपाल डालकर अपनी जीविका चला रहे हैं।

व्यापारियों ने प्रशासन से तीन प्रमुख मांगें रखी हैं:
1. इस प्रकार की कार्यवाही को तत्काल प्रभाव से रोका जाए।
2. जिन व्यापारियों की दुकानें तोड़ी गई हैं, उनके लिए उचित पुनर्वास एवं स्थायी व्यापारिक स्थल की व्यवस्था की जाए।
3. भविष्य में किसी भी प्रकार की अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही से पहले संबंधित व्यापारियों को पूर्व सूचना देकर उन्हें तैयारी का समय प्रदान किया जाए।

व्यापारियों का कहना है कि वे प्रशासनिक कार्यवाहियों के विरोध में नहीं हैं, लेकिन इस तरह अचानक की गई कार्रवाई असंवेदनशील है और आम जनजीवन को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है। सभी व्यापारीगण प्रशासन से मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की अपील कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि शीघ्र ही कोई सकारात्मक निर्णय लिया जाए।