
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
Bilaspur / महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बिलासपुर में वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ सुपरवाइजरों के स्थानांतरण की मांग फिर तेज हो गई है। विभाग के अधीन कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शिकायत की है कि कुछ सुपरवाइजर पिछले 10 से 12 वर्षों से एक ही सेक्टर में पदस्थ हैं, जिससे उनके व्यवहार में मनमानी और अनुचित दबाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
राजेन्द्र नगर सेक्टर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गीतांजली पांडेय ने सुपरवाइजर रानू जाजोदिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। गीतांजली पांडेय, जो छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ 409 की परियोजना अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि रानू जाजोदिया द्वारा उन्हें और अन्य कार्यकर्ताओं को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है।

उनके अनुसार, सुपरवाइजर द्वारा बैठकें निर्धारित ड्यूटी टाइम (7 से 11 बजे) के बाद रखी जाती हैं, विरोध करने पर धमकाया जाता है और अवकाश नहीं दिया जाता। एक घटना में, जब एक कार्यकर्ता की मां ICU में भर्ती थीं, उन्हें अपनी मां से मिलने की अनुमति नहीं दी गई, जिससे उनकी मृत्यु अस्पताल में हो गई।
एक अन्य मामले में, कैंसर पीड़ित कार्यकर्ता से अंतिम समय तक कार्य करवाया गया लेकिन उसका मानदेय नहीं बनाया गया। इसी प्रकार, विभागीय लक्ष्य के तहत कार्यकर्ताओं से गड्ढे खुदवाने जैसी शारीरिक श्रम भी कराया गया।
कोविड संक्रमण के दौरान भी पीड़िता को अवकाश और सहानुभूति नहीं दी गई। इसके अतिरिक्त निर्वाचन आयोग के बीएलओ कार्य को लेकर भी उन्हें विभागीय कार्यों की आड़ में बाधित किया गया।
गीतांजली पांडेय ने प्रशासन से मांग की है कि राजेन्द्र नगर सेक्टर में पदस्थ रानू जाजोदिया को अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए और जिले के सभी सुपरवाइजरों का स्थानांतरण सुनिश्चित किया जाए, ताकि कार्यकर्ताओं को न्याय मिल सके और कार्यस्थल पर सकारात्मक वातावरण बन सके।