
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
bilaspur / ग्राम मल्हार (थाना मस्तुरी) के केवट समुदाय के लगभग 19 पुरुष-महिला प्रवासी मजदूरों को बाराबंकी (उ.प्र.) के ईंट भट्ठा मालिक अखिलेश पंडित/शुक्ला द्वारा अवैध रूप से उन्नाव जिले के ग्राम सातन, पोस्ट सिकन्दरपुर ले जाया गया। मजदूरों को एजेंट बीरसिंग (निवासी मल्हार, जिला बिलासपुर) द्वारा बिना पंजीकरण के ले जाया गया, जो कि अन्तरराज्यीय श्रमिक अधिनियम 1979 का उल्लंघन है।

मजदूरों को जो मजदूरी, सुविधा और आवास देने की बात कही गई थी, वह पूरी नहीं हुई। उन्हें बंधक बनाने के उद्देश्य से प्रति मजदूर ₹11,000 एडवांस और ₹500 साप्ताहिक खुराकी दिया गया, जो मानव तस्करी जैसी अवैध प्रक्रिया है। शौचालय तक की व्यवस्था नहीं थी, बीमार पड़ने पर इलाज भी नहीं मिला। विरोध करने पर भट्ठा मालिक ने गाली-गलौच व धमकी दी कि “जैसा चाहूंगा, वैसा काम करवाऊंगा।”

स्थिति से तंग आकर मजदूरों ने वापस लौटने की बात कही, लेकिन उन्हें धमकाकर रोका गया। इस दौरान 2 मजदूरों को किडनैप कर उनके परिवार से ₹2.05 लाख की वसूली की गई, और ₹2 लाख और न लाने पर जान से मारने या फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी गई।
मजदूरों के जीवन को खतरा है। उनके परिजनों ने छत्तीसगढ़ पुलिस से त्वरित कार्रवाई कर सभी पीड़ितों की सुरक्षा, मुक्ति और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। यह मामला मानवाधिकार और कानून व्यवस्था दोनों के लिए गंभीर चेतावनी है।