
रिपोर्टर — सुरज पूरेना
बिलासपुर / जिले में हो रही लगातार बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसएसपी रजनेश सिंह ने अधिकारियों की आपात बैठक लेकर राहत और बचाव कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाई जाए और आरबीसी 6-4 के तहत क्षति का सर्वे कर मुआवजा दिया जाए।
कलेक्टर ने कहा कि कोई भी अधिकारी कार्यालय में नहीं बैठेगा, बल्कि टीम बनाकर गांव-गांव जाकर राहत पहुंचाने का काम करें। प्रभावितों को स्कूल या आंगनबाड़ी में शिफ्ट कर खाने-पीने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। होमगार्ड द्वारा जिले में पांच नावों की व्यवस्था और दो रेस्क्यू टीमों की तैनाती की जानकारी दी गई। तैराकों और मछुआरों की मदद लेने की बात भी सामने आई।

बिल्हा, मस्तुरी, कोटा और तखतपुर क्षेत्र के कई गांवों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। वहीं, शहर के गंगानगर, श्रीकांत वर्मा मार्ग, बंधवापारा और तोरवा जैसे इलाकों में कच्चे नाले बनाकर जल निकासी की गई। कलेक्टर ने अरपा नदी किनारे के लोगों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की अपील की और कहा कि जीपीएम क्षेत्र से और पानी छोड़े जाने की संभावना है।
एसएसपी रजनेश सिंह ने पुलिस और प्रशासन के समन्वय पर बल देते हुए कहा कि बाढ़ के समय तालमेल बेहद जरूरी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर नजर रखने और उनका तत्काल खंडन करने के निर्देश भी दिए। साथ ही जलप्रपात और झरनों की ओर जाने वाले पर्यटकों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई।
कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क करते हुए डायरिया जैसी बीमारियों से निपटने के लिए सभी आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति में पहले इलाज किया जाए, औपचारिकताएं बाद में पूरी हों।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, एडीएम शिवकुमार बनर्जी, एसडीएम, तहसीलदार व थाना प्रभारी मौजूद रहे।