
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
बिलासपुर / ग्राम कौड़िया के दलदल प्रभावित करीब 50 किसानों ने एनटीपीसी सीपत द्वारा मुआवजा राशि बंद किए जाने के विरोध में पुनः स्मरण पत्र सौंपा है। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें शीघ्र मुआवजा दिलाया जाए, ताकि उनके आजीविका के संकट को दूर किया जा सके।
किसानों का कहना है कि वर्ष 2011 से एनटीपीसी सीपत द्वारा डैम के रिसाव से उनकी उपजाऊ जमीन दलदल में तब्दील हो गई है, जिससे वे खेती करने में असमर्थ हैं। इस नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें नियमित रूप से मुआवजा राशि दी जाती थी, लेकिन हाल ही में बिना किसी सूचना या स्थायी समाधान के मुआवजा देना बंद कर दिया गया है।

किसानों ने यह भी बताया कि इस वर्ष भी डैम से रिसाव का पानी खेतों में फैल गया है, जिससे एक बार फिर खेती असंभव हो गई है। इस स्थिति ने उन्हें आर्थिक रूप से बेहद कमजोर बना दिया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि पूर्व में दिए गए पत्रों के संदर्भ में तत्काल संज्ञान लेते हुए मुआवजा राशि जल्द दिलाई जाए।
समस्त प्रभावित किसानों ने मांग की है कि यदि शीघ्र कार्यवाही नहीं की गई, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
– दलदल प्रभावित किसान, ग्राम कौड़िया, जिला बिलासपुर (छ.ग.)