
BHARTENDU KAUSHIK (REPORTER)
नयापारा चकरभाठा के मुक्तिधाम में मृत लोगों की शांति के लिए कराया गया रामायण का पाठ विभिन्न जगहों से आय रामायण मंडलियों ने दी मनमोहक प्रस्तुति।


हर वर्ष की भाती इस तीसरे वर्ष भी 4 जनवरी दिन शनिवार की शाम 6 बजे से रविवार की सुबह 6 बजे तक हाईकोर्ट के पीछे छतौना रोड पर नगर पालिका बोदरी के वार्ड क्रमांक 4 नयापारा में स्थित मुक्तिधाम में मृत लोगों की शांति के लिए रात भर रामायण पाठ का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 23 गांव से आए हुए रामायण मंडलियों ने एक से बड़ कर एक सुंदर छत्तीसगढ़ी और हिंदी राम शिव भजन की प्रस्तुति दी जिसे सुनने बड़ी संख्या में महिला पुरुष और बच्चे शामिल हुए साथ ही सभी ने मुक्तिधाम में बैठ कर भंडारे में बने प्रसाद ग्रहण किया
आपने जिंदा लोगों को भागवत और रामकथा सुनते तो खूब देखा सुना होगा.लेकिन आज हम आपको ऐसी जगह लेकर चलेंगे जहां पर मुर्दे राम कथा सुनते हैं. सुनने में अजीब जरूर लगे लेकिन हकीकत यही है.आइए जानते हैं आखिर कौन सी जगह है ओ जहां मुर्दों को रामायण सुनने का सौभाग्य मिल रहा है.
राम नाम सत्य है....
ये लाइनें अक्सर आपने अर्थी यात्रा के दौरान लोगों के मुंह से सुनी होगी.हिंदू धर्म में माना जाता है कि राम का नाम लेने मात्र से मनुष्य को मुक्ति मिल जाती है. जिन्हें कहीं शरण नहीं मिलता उन्हे प्रभु श्रीराम के चरणों में जगह मिलती है. भगवान राम की भक्ति में डूबे भक्त अपने घरों, मंदिर और पूजा स्थलों में अखंड रामायण का पाठ करवाते हैं. जिन्हें सुनने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु इकट्ठे होते हैं.हम आपको ऐसे ही रामायण पाठ के बारे में बताने जा रहे हैं.लेकिन ये पाठ किसी मंदिर या सार्वजनिक स्थल में नहीं बल्कि श्मशान में कराया जाता है.जहां इंसानों के साथ मुर्दे भी रामायण पाठ का श्रवण करते हैं.


बिलासपुर जिला मुख्यालय से कुछ 10 किमी की दूरी पर स्थित चकरभाठा जहां हाईकोर्ट के पीछे नगर पालिका बोदरी के वार्ड क्र 4 नयापारा में स्थित है यह मुक्तिधाम क्योंकि मनुष्य की अंतिम यात्रा यहां बने श्मशान घाट में आकर समाप्त हो जाती है. पहली नजर में यहां के श्मशान घाट को देखने पर आपको लगेगा कि किसी बड़े पार्क में घूमने आए हैं.लेकिन ये श्मशान घाट है जहां मुर्दों को अंतिम विदाई दी जाती है.
मुर्दों के लिए रामायण पाठ…
इस श्मशान घाट में पिछले 3 सालों से यह अनोखा आयोजन हो रहा है.यहां के नगर पालिका अध्यक्ष और कुछ समाज सेवियों और जनता के सहयोग से श्मशान घाट में ही रामायण पाठ का आयोजन कराया जाता है जिसमें इस वर्ष 23 गांव के रामायण पाठ करने वाली मंडली पहुंची.शाम छह बजे से लेकर अगले दिन सुबह 6 बजे तक श्मशान घाट में रामायण का पाठ होता है.जिसे सुनने के लिए आसपास के लोगों के साथ महिला बच्चे और बूढ़े भी बेहिचक श्मशान घाट में चले आते हैं.श्मशान घाट को लेकर ना तो किसी के मन में कोई सवाल उठता है और ना ही किसी तरह का डर. मन में सिर्फ एक ही इच्छा रहती है कि राम नाम का जाप करने सौभाग्य जल्द से जल्द मिले.
इस अनोखे रामायण पाठ कराने वाले समिति ओर नगर पालिका बोदरी अध्यक्ष का मानना है कि इंसान जीते जी राम कथा सुन सकता है. लेकिन कलयुग में काम और पैसे कमाने की आपाधापी में कई लोग ईश्वर भक्ति से दूर रहते हैं. ऐसे में जब उनकी मौत होती है तो कहीं ना कहीं उनको मोक्ष नहीं मिल पाता.ऐसे ही भटके हुए मृत लोगों की शांति के लिए श्मशान घाट में रामायण पाठ का आयोजन हर वर्ष कराया जाता है.ताकि रात भर रामभजन के माध्यम से मृतात्माओं को वैतरणी पार कराई जा सके.


नगर पंचायत अध्यक्ष परदेशी ध्रुवंशी का कहना है कि इस मुक्तिधाम को संवारने का काम पिछले 8 वर्षों से किया जा रहा है. इसके साथ ही साल में एक बार जनवरी माह में यहां रामायण आयोजित होता है.
यहां के “शमशान घाट”में लोगों को आना अच्छा लगता है.हमारा मानना है कि जीते जी लोग अच्छी जगहों पर जाते हैं.इसलिए मरने के बाद भी लोगों को अच्छी जगह में स्थान मिलना चाहिए.इसके लिए राम का नाम ही सहारा है.क्योंकि अंतिम समय में राम का नाम लेने से मुक्ति मिल जाती है.तो यदि मरने के बाद रामनाम सुना जाए तो महामुक्ति मिलती है. ऐसा कहते हैं” परदेशी ध्रुवंशी,नगर पालिका बोदरी अध्यक्ष
रात भर रहती है रौनक…
नगर पालिका बोदरी का श्मशान घाट लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र भी है.यदि कोई यहां पहली बार आएगा तो उसे बिल्कुल भी नहीं लगेगा कि ये एक श्मशान घाट है.हर तरफ सुंदर फूल के पौधे,हरी भरी घास पेड़ झूला झूलने के लिए झूले और साफ सुथरा वातावरण में भगवान शिव जी की विशालकाय मूर्ति फाउंटेन देखने के बाद हर किसी को ये जगह एक गार्डन के रूप में नजर आती है.


लेकिन ये असल में श्मशान घाट है.जिसे रामायण के आयोजन कर्ता परदेसी ध्रुवंशी गणेश राजपुर विकास राठौड़ कमलेश जायसवाल दुर्गेश धुरी,रिंकू जायसवाल दिनेश साहू भरत मानिकपुरी और स्थानीय लोगों ने सजाया और संवारा है.
साथ ही कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष सहयोग जय मां टेंट हाउस एवं साउंड,साहेब कैटर्स एवं राधा के ऑनर चंद्र कांत राजपूत और दीपक राजपूत नयापारा है