
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
Bilaspur , सीपत। ग्राम कौड़िया के लगभग 50 दलदल प्रभावित किसानों ने एनटीपीसी सीपत से वर्ष 2024-25 के मुआवजा राशि शीघ्र दिलाने की मांग करते हुए पुनः स्मरण पत्र सौंपा है। किसानों का कहना है कि वर्ष 2011 से एनटीपीसी द्वारा उनके कृषि योग्य भूमि के दलदल में बदलने के कारण नियमित मुआवजा राशि दी जाती रही है। किंतु इस वर्ष बिना किसी सूचना के मुआवजा सूची से नाम हटा दिया गया, जिससे किसानों को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों ने आरोप लगाया है कि एनटीपीसी सीपत के स्टॉप डैम से लगातार रिसाव के चलते उनकी उपजाऊ जमीन पूरी तरह दलदल में तब्दील हो गई है। न तो जमीन की स्थिति सुधारी गई और न ही समय पर मुआवजा दिया गया। प्रभावित किसान इस वर्ष भी खेती करने में असमर्थ हैं और कई लोग उधार लेकर जीवन-यापन कर रहे हैं।

ग्रामवासियों ने यह भी याद दिलाया कि लगभग पांच वर्ष पूर्व एनटीपीसी के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि यदि मुआवजा जारी रखा जाता है तो प्रभावित भूमि को खेती योग्य बनाकर दिया जाएगा, परन्तु अब तक कोई सुधारात्मक कार्य नहीं हुआ है।
किसानों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि वर्ष 2024-25 की मुआवजा राशि तत्काल जारी की जाए और आगामी वर्ष 2025-26 के लिए भी मुआवजा दिलाया जाए क्योंकि भूमि अब भी खेती योग्य नहीं बनी है और मानसून समीप है।
ग्रामवासियों की ओर से, ग्राम कौड़िया, तह. सीपत, जिला बिलासपुर (छ.ग.)