
कवर्धा में पत्रकार पर हमला और मोबाइल लूट, पत्रकारों का होगा जोरदार प्रदर्शन और FIR की मांग
रायपुर/कवर्धा : छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में एक पत्रकार पर हमले और मोबाइल लूट की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। आईएनएच न्यूज़ से जुड़े पत्रकार संजय यादव ने रविवार दोपहर कवरेज से लौटते समय हुए इस वाकये के बाद सिटी कोतवाली थाना प्रभारी को एक लिखित शिकायत सौंपी है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके साथ मारपीट की गई और उनका मोबाइल फोन छीन लिया गया। इस घटना ने जिले के पत्रकार समुदाय में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर एक जोरदार प्रदर्शन किया गया।

घटना का विवरण:
पत्रकार संजय यादव ने अपनी शिकायत में बताया कि रविवार दोपहर को वे कवरेज से लौट रहे थे। रास्ते में प्यास लगने पर उन्होंने हरिहरपुरा स्थित एक दुकान से पानी की बोतल खरीदी। पानी का स्वाद खराब होने पर, उन्होंने इसकी जानकारी लेने के लिए संबंधित कंपनी के एजेंट संदीप गुप्ता से संपर्क किया। यादव के अनुसार, इसी दौरान संदीप गुप्ता ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, गाली-गलौज की और उनका मोबाइल फोन छीन लिया। उन्होंने यादव को पीछे से जोरदार धक्का भी दिया और मारपीट की। इस घटना के दौरान, यादव के साथ मौजूद उनके कैमरामैन को भी धमकाया गया और जान से मारने की धमकी दी गई।
पत्रकारों का आक्रोश और प्रदर्शन:
जैसे ही इस घटना की सूचना अन्य पत्रकारों तक पहुंची, वे तुरंत मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचित किया। पत्रकार समुदाय ने इस हमले की निंदा करते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की। विरोध प्रदर्शन के दौरान, प्रदेश के पत्रकारों ने “26/09/2025 को कवर्धा चलो…”, “जिंदाबाद जिंदाबाद”, और “पत्रकार एकता जिंदाबाद” जैसे पोस्टर शोसल मीडिया पर तैर रहे हैं, जो पत्रकार समुदाय की एकजुटता और न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह विरोध प्रदर्शन आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो।
पुलिस कार्रवाई और आगे की जांच:
शिकायत मिलने के बाद, पुलिस ने आरोपी संदीप गुप्ता को हिरासत में ले लिया है और उसे साइबर थाना भेज दिया है। संजय यादव ने पुलिस को बताया है कि वे इस वारदात से काफी डरे हुए हैं और उन्होंने चेतावनी दी है कि भविष्य में उनके साथ किसी भी अप्रिय घटना की पूरी जिम्मेदारी आरोपी पर होगी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। यह देखना बाकी है कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और पत्रकार समुदाय को कितना न्याय मिल पाता है।
सुरक्षा पर सवाल:
यह घटना एक बार फिर पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है, खासकर छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां उन्हें अक्सर अपने पेशेवर कर्तव्यों का पालन करते समय खतरों का सामना करना पड़ता है। पत्रकार समाज के प्रहरी होते हैं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि अपराधियों में कानून का भय कम हो रहा है, जिसके कारण वे पत्रकारों जैसे सार्वजनिक व्यक्तियों को भी निशाना बनाने से नहीं हिचक रहे हैं।
कवर्धा का पत्रकार समुदाय अब पुलिस से इस मामले में तेजी से और निष्पक्ष जांच की उम्मीद कर रहा है ताकि दोषियों को कानून के शिकंजे में लाया जा सके और भविष्य में पत्रकारों को सुरक्षित माहौल मिल सके।