
[ रिपोर्टर — सुरज पुरेना ]
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ बिजली उपभोक्ता एसोसिएशन (C.G.E.C.A.) ने राज्य सरकार से बिजली उपभोक्ताओं के हित में बड़ी मांग की है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर बिलासपुर के माध्यम से ज्ञापन सौंपते हुए राज्य में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया तत्काल बंद करने, पुराने डिजिटल मीटर पुनः लगाने और बिजली हाफ योजना को फिर से शुरू करने की मांग की है।
ज्ञापन में कहा गया है कि बेरोजगारी और महंगाई के दौर में जनता पहले से ही परेशान है। ऐसे में बिजली हाफ योजना बंद होने से 20 लाख से अधिक उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ गया है। वहीं, सरकार द्वारा लगाए जा रहे प्रीपेड स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं के बिजली बिल कई गुना बढ़ रहे हैं। कई घरों में बिल हजारों और लाखों रुपए तक पहुंच गए हैं।
एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर योजना से सरकार बिजली वितरण का निजीकरण बढ़ावा दे रही है, जिससे कुछ पूंजीपतियों को फायदा और आम जनता को नुकसान होगा। पुराने डिजिटल मीटर पूरी तरह कार्यशील हैं, फिर भी उन्हें बदलकर करोड़ों रुपए बर्बाद किए जा रहे हैं। इससे हजारों बिजलीकर्मियों और दो लाख मीटर रीडरों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है।

एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि आम जनता के हित में निर्णय लेते हुए बिजली हाफ योजना दोबारा शुरू की जाए, प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना तत्काल बंद की जाए और राज्य में बिजली के निजीकरण पर रोक लगाई जाए।
मुख्य मांगे:
1. बिजली हाफ योजना पुनः शुरू की जाए।
2. प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाना तुरंत बंद किया जाए।
3. जहाँ स्मार्ट मीटर लग चुके हैं, वहाँ पुराने डिजिटल मीटर पुनः लगाए जाएं।
4. बिजली संशोधन विधेयक 2022 वापस लिया जाए।
5. बिजली के निजीकरण पर रोक लगाई जाए।