
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
Bilaspur । चांटीडीह सब्जी मंडी रोड से लेकर शनिचरी मार्ग तक हर शाम का नजारा एक जैसा होता है—सड़क पर जाम, लड़खड़ाते शराबी, और राहगीरों की परेशानी। शराब भट्टी के सामने खुलेआम चखना दुकानें, डिस्पोजल में पैग और गालियों की गूंज आम हो गई है। मरीजों को लेकर जा रही एम्बुलेंस तक इन नशे में धुत लोगों की वजह से फँस जाती है।

ट्रैफिक पुलिस की चालानी कार्रवाई और निगम की अतिक्रमण मुहिम का यहां कोई असर नहीं दिखता। शनिचरी टंकी के पीछे करोड़ों की लागत से तैयार फल मार्केट अब भी वीरान पड़ा है, जबकि सड़क पर ठेले और फल विक्रेताओं का कब्जा जस का तस है।

इलेक्ट्रिक ऑटो और ठेलेवालों की मनमानी से न सिर्फ ट्रैफिक जाम हो रहा, बल्कि आम जनजीवन और व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सिम्स रोड, सदर, गोड़पारा, बाल्मीकि चौक समेत पूरे शहर में यही स्थिति है।
स्थानीय लोग बार-बार शराब भट्टी हटाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। चांटीडीह भट्टी अब सड़क सुरक्षा ही नहीं, शहर की व्यवस्था के लिए भी एक गंभीर सिरदर्द बन चुकी है।