
संवाददाता सुरज वाधवानी
भारत-नेपाल संबंधों में सामाजिक समन्वय का नया अध्याय: स्ट्रीट वेंडर्स की वैश्विक आवाज़ बनने की दिशा में आलोक पाण्डेय जी का बड़ा कदम
नई दिल्ली/काठमांडू – क्षेत्रीय विकास, सामाजिक समावेश और आम जन की भलाई को केंद्र में रखते हुए नेपाल की राजधानी में एक ऐतिहासिक मुलाकात हुई, जिसने न केवल दो पड़ोसी देशों के आपसी संबंधों को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया, बल्कि उन लाखों स्ट्रीट वेंडर्स की भी आवाज़ बुलंद की, जो आज भी नीति-निर्माण के दायरे से बाहर छूट जाते हैं।

स्ट्रीट वेंडर्स ऐसोसीएशन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री आलोक पाण्डेय जी ने नेपाल सरकार के केंद्रीय कानून एवं संसदीय मंत्री श्री अजय कुमार चौरसिया जी के साथ एक महत्वपूर्ण भोज और विचार-विमर्श में हिस्सा लिया। इस उच्चस्तरीय बैठक में शिक्षा, खेल, सामाजिक न्याय और कानून जैसे बहुआयामी विषयों पर व्यापक चर्चा हुई।
उक्त भोज में दो अन्य विशिष्ट अतिथि भी शामिल रहे:
- दिलीप केसरी – सचिव, शिक्षा विभाग, नेपाल सरकार
- नितांत जी – पूर्व CEO, नेपाल क्रिकेट बोर्ड
इस उच्चस्तरीय बातचीत को केवल एक प्रतीकात्मक मुलाक़ात समझना भूल होगी – यह एक रणनीतिक सामाजिक संवाद था, जिसकी परिणति भारत और नेपाल के बीच वंचित वर्गों, विशेषकर स्ट्रीट वेंडर्स, के लिए एक समन्वित और दूरदर्शी नीति-निर्माण की संभावनाओं तक जाती है।

प्रमुख विषय और रणनीतिक चर्चाएं:
- स्ट्रीट वेंडर्स की गरिमा और अधिकारों की वैश्विक मान्यता
आलोक पाण्डेय जी ने जोर देकर कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स देश की आर्थिक रचना की अनदेखी की गई रीढ़ हैं। उन्होंने उनके लिए कानूनी संरक्षण, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा, तथा वित्तीय समावेशन को प्राथमिकता दिए जाने पर बल दिया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भारत और नेपाल संयुक्त रूप से स्ट्रीट वेंडिंग को एक संगठित और सम्मानित पेशा बनाने की दिशा में कार्य कर सकते हैं।
सीमापार सामाजिक न्याय और नीति संवाद
श्री अजय कुमार चौरसिया जी ने नेपाल सरकार की ओर से यह आश्वासन दिया कि नेपाल सामाजिक समरसता और क्षेत्रीय समन्वय के साथ न्यायपूर्ण कानून निर्माण में विश्वास रखता है। उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा कि भविष्य में भारत और नेपाल के सामाजिक संगठनों के बीच एक “Policy Exchange Forum” की स्थापना की जाये
खेल: केवल प्रतियोगिता नहीं,सामाजिक परिवर्तन का माध्यम
पूर्व क्रिकेट बोर्ड CEO नितांत जी ने खेलों को एक सामाजिक परिवर्तन उपकरण के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण, सुविधा और अंतरराष्ट्रीय exposure के साझा प्लेटफॉर्म दे सकते हैं।