
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
बिलासपुर। निजी विद्यालयों को बीते कुछ समय से विभिन्न प्रशासनिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन्हीं समस्याओं को लेकर संगठन ने संबंधित विभाग को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में प्रमुख रूप से नवीनीकरण मान्यता में देरी, RTE की बकाया राशि, पाठ्यपुस्तक वितरण में विलंब, और आदेशों के तत्काल क्रियान्वयन से उत्पन्न असुविधा जैसी समस्याएं उजागर की गईं।

संगठन ने बताया कि करीब 100 स्कूलों का नवीनीकरण मान्यता महीनों से लंबित है, जिससे नोडल अधिकारियों द्वारा राशि स्वीकृत करने में दिक्कतें आ रही हैं और माध्यमिक मंडल का काम भी प्रभावित हो रहा है।
संगठन ने मांग की है कि मान्यता प्रक्रिया को सरलीकृत किया जाए और न्यूनतम दस्तावेजों के आधार पर पाँच वर्ष की मान्यता दी जाए।

साथ ही, 16 जून से नए सत्र की शुरुआत के बावजूद अब तक पाठ्यपुस्तकों की आपूर्ति को लेकर कोई सूचना नहीं मिली है। उन्होंने सरकारी स्कूलों की तरह संकुल स्तर पर पुस्तकें उपलब्ध कराने की मांग की है।
RTE के तहत लंबित राशि की स्वीकृति व सत्यापन केवल नोडल अधिकारी से कराने और BEO से संबंधित आदेशों को स्थगित करने की बात भी ज्ञापन में कही गई।
संगठन ने यह भी आग्रह किया कि किसी भी आदेश के क्रियान्वयन के लिए कम से कम एक सप्ताह का समय दिया जाए, ताकि व्यवस्थाओं में परेशानी न हो।
ज्ञापन के अंत में मांग की गई कि सूचना प्रतिलिपि पूर्व की भांति संगठन अध्यक्ष के नाम पर सादर भेजी जाए।