
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
बिलासपुर / भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा धूमधाम और भक्तिभाव के साथ निकाली गई। रेलवे क्षेत्र स्थित जगन्नाथ मंदिर से शुरू हुई इस यात्रा में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने परंपरागत ‘छेरा पहरा’ की रस्म निभाते हुए सोने की झाड़ू से रथ और मार्ग की सफाई कर शुभारंभ किया।

भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के लिए पारंपरिक जगन्नाथपुरी शैली में बनाए गए आकर्षक रथ तैयार किए गए थे। मुख्य रथ की ऊंचाई 40 फीट रही, जिसमें हाइड्रोलिक सिस्टम और धार्मिक प्रतीक चिह्न जैसे शंख, गदा और पद्म की सजावट की गई थी। रथयात्रा तितली चौक, दयालबंद, तोरवा होते हुए मौसी मां गुंडिचा मंदिर तक पहुंची, जहां भगवान सात दिन तक विराजेंगे।
इस दौरान श्रद्धालु भगवान के निकट दर्शन कर सकेंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुंडिचा देवी भगवान की मौसी हैं और यात्रा का यह चरण उनके स्नेह का प्रतीक माना जाता है। रथयात्रा के सात दिन बाद 5 जुलाई को वापसी यात्रा ‘बावड़ा यात्रा’ निकाली जाएगी।
यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भक्तों को भगवान से सीधे जुड़ने का विशेष अवसर भी प्रदान करता है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल हुए।