
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
Bilaspur । छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन की बैठक दिनांक 15 जून 2025 को अध्यक्ष कमल वर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में राज्य के शासकीय कर्मचारियों और पेंशनरों से जुड़े 11 प्रमुख मांगों पर त्वरित निर्णय की माँग की गई। यदि 16 जुलाई 2025 तक मांगे पूरी नहीं की जाती हैं, तो ब्लॉक/जिला स्तर पर रैली और ज्ञापन सौंपा जाएगा, और 22 अगस्त 2025 को एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
फेडरेशन ने मांग की है कि मोदी की गारंटी के अनुरूप कर्मचारियों को केंद्र सरकार के समान 2 प्रतिशत महंगाई भत्ता तत्काल देय तिथि से दिया जाए। जुलाई 2019 से लंबित डीए एरियर्स की राशि जीपीएफ खाते में समायोजित करने की मांग भी प्रमुख रही। पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर वेतन विसंगतियों का समाधान करने की बात भी जोरशोर से उठी।

अन्य मांगों में चार स्तरीय समयमान वेतनमान प्रणाली (8, 16, 24, 30 वर्ष), सहायक शिक्षक व पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान, कर्मचारियों के लिए कैशलेस चिकित्सा सुविधा, और अनुकंपा नियुक्ति में 10% सीमा हटाकर सीधी भर्ती के सभी पदों पर नियुक्ति शामिल हैं।
फेडरेशन ने मध्यप्रदेश की तर्ज पर 300 दिन के अर्जित अवकाश का नगदीकरण और पुरानी पेंशन योजना की बहाली की भी माँग की है। साथ ही, सभी विभागों में सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने और कार्यरत संविदा, दैनिक वेतनभोगियों को नियमित करने का आग्रह किया गया।
फेडरेशन ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने 22 अगस्त तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।