
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
रायपुर / छत्तीसगढ़ की राजनीति में शुक्रवार सुबह उस समय खलबली मच गई जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास पर छापेमारी की। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह कार्रवाई महादेव सट्टा एप घोटाले से जुड़ी है या फिर राज्य के चर्चित आबकारी और कोयला घोटालों से।
सूत्रों के अनुसार, ईडी की कार्रवाई से पहले होटल कारोबारी विजय अग्रवाल के घर भी दबिश दी गई थी। विजय अग्रवाल का नाम महादेव सट्टा एप से कथित रूप से जुड़ा रहा है, और ईडी को संदेह है कि इस एप के जरिए बड़े स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग हुई है, जिसमें कई प्रभावशाली चेहरे शामिल हो सकते हैं।
गौरतलब है कि महादेव ऑनलाइन सट्टा एप मामले में ईडी पहले से ही मनी ट्रेल की जांच कर रही है। इस एप के जरिये अरबों रुपए के अवैध लेन-देन का आरोप है। इससे पहले रायपुर और भिलाई में कई व्यापारियों, पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं के परिसरों पर छापेमारी हो चुकी है। अब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम इस मामले में सामने आने से प्रदेश की राजनीति गरमा गई है।

ईडी की छापेमारी के तुरंत बाद भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह कार्रवाई पूरी तरह से राजनीतिक बदले की भावना से की जा रही है।
ईडी के अधिकारियों का कहना है कि जांच के दौरान कई डिजिटल उपकरण, बैंक रिकॉर्ड और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज जब्त किए गए हैं। अभी तक किसी भी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कार्रवाई जारी है।
प्रदेश की सियासत में इस घटनाक्रम से भूचाल आ गया है और आने वाले दिनों में इसके और भी बड़े राजनीतिक असर देखने को मिल सकते हैं।