
बीजापुर के डिप्टी कलेक्टर दिलीप उइके, जो दुष्कर्म और आर्थिक शोषण के गंभीर मामले में आरोपी हैं… उन्हें जिला अदालत से कोई राहत नहीं मिली है। अदालत ने साफ शब्दों में उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।”
“पीड़िता… जो सीएएफ में महिला आरक्षक है… न्यायालय के सामने डटकर खड़ी हुई। उसने दर्दनाक सच बयां करते हुए बताया – कैसे शादी का झांसा देकर डिप्टी कलेक्टर ने सालों तक शारीरिक शोषण किया, तीन बार जबरन गर्भपात कराया और आर्थिक शोषण तक किया। यही नहीं… अपनी बात साबित करने के लिए महिला ने बैंक स्टेटमेंट भी सबूत के तौर पर पेश किया… जिसे अदालत ने बेहद अहम माना।”
“सुनवाई के दौरान आरोपी पक्ष के वकील ने इसे झूठा आरोप और ब्लैकमेलिंग करार दिया… लेकिन अदालत ने इन दलीलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा – साक्ष्य और गवाही, दोनों ही आरोपों की गंभीरता को साबित करते हैं।”
“थाना प्रभारी उमा ठाकुर ने जानकारी दी है कि आरोपी पर बीएनएस की धारा 69 के तहत अपराध दर्ज है। इस वक्त दिलीप उइके फरार हैं… और पुलिस की विशेष टीम लगातार दबिश दे रही है। दावा किया जा रहा है कि आरोपी बहुत जल्द कानून की गिरफ्त में होगा।”