
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
बिलासपुर न्यूज / छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) बिलासपुर का ट्रायज वार्ड अपनी स्थापना के एक वर्ष पूर्ण कर चुका है। इस अवधि में कुल 7,622 मरीजों को यहाँ से लाभ प्राप्त हुआ। इनमें से अधिकांश मरीज गंभीर एवं आपातकालीन स्थिति में भर्ती किए गए थे, जिन्हें प्राथमिक उपचार एवं स्थिरीकरण के बाद आगे संबंधित वार्डों में शिफ्ट किया गया।

सुविधाएं और सेवाएं
वार्ड में वर्तमान में 12 बिस्तर और 4 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, ईएनटी और मेडिसिन विभाग के चिकित्सक तीनों शिफ्टों में सेवाएं दे रहे हैं। प्रत्येक शिफ्ट में एक डॉक्टर, एक नर्सिंग स्टाफ और एक वार्ड बॉय की ड्यूटी सुनिश्चित की गई है। आवश्यकता पड़ने पर आपातकालीन विभाग के अन्य विशेषज्ञ भी तत्काल उपलब्ध रहते हैं। गंभीर मरीजों के लिए बेडसाइड एक्स-रे और खून जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मरीजों की प्राथमिकता तय करने के लिए लाल (अति गंभीर), हरा (गंभीर) और पीला (सामान्य) जोन सिस्टम लागू है। साथ ही मरीजों के लिए प्रतिदिन साफ-सुथरी बेडशीट उपलब्ध कराई जाती है।
टीम का सहयोग
अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह के नेतृत्व में आपातकालीन विभाग इंचार्ज डॉ. सुनील कुमार पेंद्रो सहित डॉ. आदिया सिंगरौल, डॉ. शैलेश पैकरा, डॉ. धनंजय निर्मलकर, डॉ. गिरिवार तथा नर्सिंग स्टाफ पुष्पलता शर्मा, पल्लवी कौमार्य, उर्मिला भगत, पापीहा साहा, इंदुस्वाति मिंज, उपासना, संगीता, चांदनी और वार्ड बॉय की पूरी टीम गंभीर मरीजों की सेवा में लगातार तत्पर है।
अधिष्ठाता का कथन
सिम्स अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने कहा— “ट्रायज वार्ड सिम्स हॉस्पिटल का चेहरा है, जहाँ गंभीर मरीजों का सभी विभागों के डॉक्टरों के समन्वय से तत्काल इलाज किया जाता है। यह वार्ड निरंतर गंभीर मरीजों के लिए जीवनदायी साबित हो रहा है।”