

बिलासपुर,,,, सकरी तहसील के ग्राम मेड़पार में महाकाल कोल साईजिंग एवं क्रेशर डिपो की स्थापना का ग्रामीणों ने जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। गांव के लोगों का कहना है कि यह डिपो कृषि भूमि, खेल मैदान और शासकीय जमीन के बीच खोला जा रहा है, जिससे किसानों की फसलें बर्बाद होंगी, बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी और प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति तक पहुँच जाएगा।ग्रामवासियों ने कलेक्टर को आवेदन देकर मांग की है कि इस कोल डिपो की अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) जारी न की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन उनकी मांग पर ध्यान नहीं देता है, तो वे 2 अक्टूबर को आत्मदाह कर उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। ग्रामवासियों के साथ खेल-शिक्षा समिति भी इस आंदोलन में शामिल है। उनका कहना है कि डिपो खुलने से न केवल कृषि भूमि और खेल गतिविधियां प्रभावित होंगी बल्कि गांव का पर्यावरण भी पूरी तरह बिगड़ जाएगा।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव में इस डिपो को मंजूरी दिलाई जा रही है, जबकि पंचायत और शिक्षा समिति शुरू से ही इसके खिलाफ हैं। उनका कहना है कि वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण बढ़ने से गांव के लोग बीमारियों की चपेट में आएंगे और खेती-किसानी पूरी तरह चौपट हो जाएगी।गांव के किसान और युवाओं ने कहा कि यह डिपो उनकी आजीविका और भविष्य दोनों के लिए खतरा है। उन्होंने कलेक्टर से तत्काल हस्तक्षेप कर डिपो को रोके जाने की मांग की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने उनकी आवाज अनसुनी की तो वे आंदोलन को और भी तेज करेंगे।
ग्राम मेड़पार में इस मुद्दे को लेकर गुस्से का माहौल है और पूरा गांव एकजुट होकर डिपो का विरोध कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि वे अपनी जमीन, खेती और बच्चों के भविष्य की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।