
( रिपोर्टर — सुरज पुरेना )
बिलासपुर न्यूज / हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गहवाई द्वारा हिन्दू धर्म एवं देवी-देवताओं के प्रति की गई कथित अभद्र टिप्पणी को लेकर जिलेभर में विरोध की लहर है। लोगों का कहना है कि यह टिप्पणी करोड़ों हिन्दू समाज की आस्था पर सीधा प्रहार है तथा भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म की गरिमा को आहत करने वाली है।
विरोधकर्ताओं का कहना है कि मुख्य न्यायाधीश जैसे संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति से अपेक्षा की जाती है कि वे संतुलित, निष्पक्ष एवं सभी धर्मों और परंपराओं का समान आदर करने वाले वक्तव्य दें। किंतु गहवाई द्वारा की गई टिप्पणी न केवल असंवेदनशील है बल्कि यह न्यायपालिका की गरिमा को भी ठेस पहुँचाती है।

इस घटना को लेकर जिला स्तरीय संगठनों एवं नागरिकों ने संयुक्त रूप से विरोध ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में तीन प्रमुख मांगें रखी गई हैं। पहली, मुख्य न्यायाधीश गवई तत्काल सार्वजनिक रूप से हिन्दू समाज से माफी मांगें। दूसरी, वे नैतिकता के आधार पर पदत्याग करें ताकि समाज का विश्वास पुनः स्थापित हो सके। तीसरी, भारत सरकार से अनुरोध किया गया है कि ऐसे न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही प्रारंभ की जाए।

विरोध जताने वालों का कहना है कि न्यायपालिका की गरिमा एवं निष्पक्षता बनाए रखने के लिए ऐसे आचरण पर सख्त कदम उठाना जरूरी है। साथ ही उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया है कि इस विरोध ज्ञापन को भारत सरकार एवं संबंधित उच्चाधिकारियों तक तत्काल भेजा जाए।