
( रिपोर्टर — सुरज पुरेना )
बिलासपुर न्यूज / हत्या के मामले में सजा काट रहा बंदी मुकेश कांत एक बार फिर सुर्खियों में है। वर्ष 2011 से सजा भुगत रहा मुकेश कांत वर्ष 2020 में पैरोल पर बाहर आने के बाद फरार हो गया था। करीब तीन साल बाद वर्ष 2023 में पुलिस ने उसे दोबारा गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बिलासपुर जेल में लगातार रंगदारी व अन्य कैदियों से मारपीट के मामलों में लिप्त रहने के कारण उसे जनवरी 2024 में अंबिकापुर जेल स्थानांतरित किया गया था।

जेल में रहते हुए भी उसके खिलाफ कई जेल अपराध दर्ज हुए। 4 अक्टूबर 2025 को तबीयत खराब होने की शिकायत पर उसे पुलिस गार्ड की निगरानी में अंबिकापुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन 6 अक्टूबर को वह गार्ड को चकमा देकर फरार हो गया। इस घटना के बाद सरगुजा पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की।

इस बीच 7 अक्टूबर को मुकेश कांत ने बिलासपुर कलेक्टर के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अगले दिन 8 अक्टूबर को जब अंबिकापुर पुलिस उसे गिरफ्तार करने बिलासपुर पहुंची, तो उसने कथित रूप से सैनिटाइजर और दर्द निवारक गोलियां खाने की बात कही, जिसके बाद उसे सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल वह सिम्स में उपचाराधीन है।
सूत्रों के अनुसार, मुकेश कांत बिलासपुर में ही रहना चाहता है क्योंकि उसका घर यहीं स्थित है। वहीं, उसकी पत्नी ने अम्बिकापुर जेल स्टाफ पर प्रताड़ना और पैसे लेने के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसकी जांच डीआईजी जेल श्री एस.एस. तिग्गा कर रहे हैं।
अंबिकापुर अस्पताल से बंदी के फरार होने के मामले में पुलिस अधीक्षक, सरगुजा ने सुरक्षा में लापरवाही बरतने पर आरक्षक मदन पैकरा को निलंबित कर दिया है। प्रशासन ने बताया कि मुकेश कांत को सिम्स से डिस्चार्ज होने के बाद आज वापस अंबिकापुर जेल भेजा जाएगा और उसके अन्य जेल में स्थानांतरण के आदेश भी आज जारी किए जाएंगे।