
जनहित के सवाल पूछना पड़ा भारी बहादुर पत्रकार पर जानलेवा हमला,फिर भी बनाता रहा वीडियो
सिरगिट्टी में गुंडई का नंगा नाच,पत्रकार की ईमानदारी और जाबांजी से हुआ सच उजागर
बिलासपुर :- छत्तीसगढ़ की न्यायधानी में बीती रात एक ऐसी घटना सामने आई जिसने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अब सच्चाई दिखाना और जनहित के मुद्दे उठाना गुनाह हो गया है? जनहित के सवाल पूछने वाले एक जाबांज पत्रकार पर देर रात कुछ लोगों ने जानलेवा हमला कर दिया। बावजूद इसके, पत्रकार ने अपनी हिम्मत और पेशेवर जिम्मेदारी का परिचय देते हुए घटना का वीडियो बनाना जारी रखा।

पूरा मामला सिरगिट्टी थाना क्षेत्र के तिफरा का बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार,पत्रकार जिया उल्ला खान अपने घर जा रहे थे,तभी उन्होंने देखा कि उसी सड़क पर दोबारा खुदाई का कार्य किया जा रहा है, जहाँ कुछ दिन पहले ही पाइप लाइन बिछाने के लिए सड़क खोदी गई थी। पत्रकार ने पहले भी इस अवैध खुदाई की खबर प्रकाशित की थी। जब सोमवार की देर रात वही कार्य पुनः शुरू हुआ, तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर किराना व्यापारी और मकान मालिक से अनुमति को लेकर सवाल किया।

इसी दौरान सवाल करना उस पत्रकार को महंगा पड़ गया। बताया जा रहा है कि व्यापारी अपने परिवार सहित वहां मौजूद था। उसने पहले तो पत्रकार के सवालों को टालने की कोशिश की,लेकिन जब पत्रकार ने कैमरे में रिकॉर्डिंग शुरू की तो व्यापारी भड़क उठा और अचानक पत्रकार को थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद उसने फावड़ा उठाकर पत्रकार पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। गनीमत यह रही कि पत्रकार ने अपनी जान बचाते हुए हमले के बीच भी वीडियो रिकॉर्ड करना नहीं छोड़ा। इस दौरान उसके जांघ और पैर में गंभीर चोटें आईं।
हमले के बावजूद जारी रही पत्रकार की जाबांजी
पत्रकार जिया उल्ला खान ने विपरीत परिस्थितियों में भी असाधारण हिम्मत का परिचय दिया। उन्होंने न तो पलटवार किया, न ही किसी तरह की हिंसा का जवाब हिंसा से दिया। बल्कि पूरे घटनाक्रम को कैमरे में कैद करते हुए शांतिपूर्वक अपने काम को जारी रखा। उनके वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि किस तरह हमलावर परिवार ने पत्रकार पर न केवल हमला किया,बल्कि झूठे आरोप लगाकर उसे फंसाने की साजिश भी रची। वीडियो में मौजूद महिला हमलावर की पत्नी साफ़-साफ कहती सुनाई दे रही है कि “इसके खिलाफ रेप की कोशिश का मामला दर्ज कराते हैं।” यह बात पूरे मामले को और भी चिंताजनक बना देती है कि किस तरह झूठे आरोपों का डर दिखाकर किसी ईमानदार व्यक्ति को दबाने की कोशिश की जा रही थी।
लोग बने तमाशबीन,पत्रकार मांगता रहा मदद
हमले के दौरान पत्रकार जोर-जोर से अपनी बेगुनाही की फरियाद करता रहा और वहां मौजूद लोगों से मदद की गुहार लगाता रहा। लेकिन अफसोस की बात यह रही कि आसपास मौजूद लोग मूकदर्शक बने रहे। किसी ने भी आगे बढ़कर पत्रकार की सहायता नहीं की। समाज के इस मौन रवैये ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आज भीड़ के सामने सच्चाई दिखाने वाला व्यक्ति अकेला रह जाता है?
दोनों पक्षों ने की पुलिस में शिकायत,जांच जारी
घटना की जानकारी मिलते ही पत्रकार की ओर से थाना सिरगिट्टी में हमलावर किराना व्यापारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। वहीं दूसरी ओर,हमलावर पक्ष ने भी अपनी ओर से एक शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है। बताया जा रहा है कि आरोपी पक्ष ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की और झूठे आरोपों के माध्यम से खुद को निर्दोष साबित करने का प्रयास किया।पुलिस ने दोनों पक्षों के आवेदन प्राप्त कर मामले की जांच प्रारंभ कर दी है। अब देखना यह होगा कि सिरगिट्टी पुलिस इस पूरे प्रकरण की जांच किस दिशा में करती है और सच्चाई कब सामने आती है।
पत्रकारिता की मिसाल बना जिया उल्ला खान
इस पूरे प्रकरण में पत्रकार जिया उल्ला खान ने जिस हिम्मत और ईमानदारी का परिचय दिया,वह पत्रकारिता के मूल्यों की सजीव मिसाल है। हमले के बीच भी उन्होंने सच दिखाने का संकल्प नहीं छोड़ा। उन्होंने अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए यह साबित किया कि पत्रकारिता सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि समाज की सेवा का एक माध्यम है। यह घटना न केवल पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करती है,बल्कि यह भी दर्शाती है कि समाज में जनहित की बात करने वालों को आज भी दबाने की कोशिशें जारी हैं। अब ज़िम्मेदारी प्रशासन और पुलिस की है कि ऐसे साहसी पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और अपराधियों को सख्त सज़ा मिले,ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति सच बोलने से डरे नहीं।
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