
उमाशंकर शुक्ला की खास रिपोर्ट
बसंत विहार पटाखा दुकानों में खुलेआम लापरवाही, किसी बड़े हादसे का इंतज़ार? :
खुलेआम पटाखों की बिक्री हो रही है। न सुरक्षा दूरी का पालन, न अग्निशमन के इंतज़ाम और न ही कोई फायर एक्सटिंग्विशर मौजूद है। ऐसे ज्वलनशील माहौल में आग लगने की स्थिति में बड़ा हादसा टालना मुश्किल है, लेकिन जिम्मेदार विभाग जैसे आंखें मूंदे बैठे हैं।


पुलिस की ओर से न तो कोई सख्त कार्रवाई की जा रही है, न ही सुरक्षा मानकों की जांच। सेफ्टी गाइडलाइंस के तहत संचालित होना चाहिए, वहां नियमों का नामोनिशान तक नहीं है। बसंत विहार में मौजूद नागरिकों का कहना है “एक चिंगारी पूरे वसंत विहार को राख में बदल सकती है।”
प्रशासनिक दावे हवा में, जनता बेहाल स्थानीय लोगों का कहना है कि त्योहारों पर प्रशासन सिर्फ बयानबाज़ी और औपचारिक दिखावे तक सीमित रहता है। बार-बार लगने वाले जाम से एंबुलेंस और आम नागरिकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। वहीं पटाखा दुकानों में संभावित हादसों को लेकर लोगों में डर का माहौल है।


लोगों का सवाल है – क्या पुलिस की जिम्मेदारी सिर्फ कागज़ों तक सीमित है? क्या हर बार हादसे के बाद ही जागेगा प्रशासन?
वसंत विहार का त्योहारी बाजार आज रौनक से ज़्यादा अव्यवस्था, लापरवाही और प्रशासनिक उदासीनता का प्रतीक बन गया है
सवाल जब लोयोला स्कूल के पास पटाखा व्यापारियों को जगह दी गई थी तो उसे जगह पर पटाखा व्यापारियों ने दुकान क्यों नहीं लगाया ?
सवाल जब छठ घाट पर पटाखा व्यापारियों को जगह दी गई थी तो उसे जगह पर पटाखा व्यापारियों ने दुकान क्यों नहीं लगाया ?
क्या शासन या प्रशासन के कहने पर मुख्य मार्ग पर फटाका दुकानों का संचालन हो रहा है ?
अब देखना यह है इस मामले को उच्च अधिकारी क्या संज्ञान में लेते हैं ! या कागजी कार्रवाई करते हैं ?