पारिवारिक कलह से व्यथित पत्रकार ने मांगी इच्छा मृत्यु – पत्नी और ससुराल पक्ष पर झूठे आरोपों से फंसाने का गंभीर आरोप, बोले – “न्याय न मिला तो आत्महत्या कर लूंगा”…
सारंगढ़/बिलाईगढ़। जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के जिला कोषाध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार पिंगध्वज कुमार खांडेकर ने अपने ऊपर लगे झूठे आरोपों और ससुराल पक्ष की प्रताड़ना से तंग आकर कलेक्टर को इच्छा मृत्यु (Euthanasia) की अनुमति देने का आवेदन दिया है।

पत्रकार पिंगध्वज कुमार (आयु 39 वर्ष), ग्राम हिर्री, तहसील सारंगढ़ निवासी हैं। उन्होंने कलेक्टर को भेजे पत्र में लिखा है कि उनकी शादी करीब 13 वर्ष पहले सांया खांडेकर से प्रेम विवाह के रूप में हुई थी, जिनसे उनके दो बच्चे हैं। मगर विगत कई वर्षों से पारिवारिक संबंधों में दरार इतनी गहरी हो गई है कि अब स्थिति मानसिक और सामाजिक प्रताड़ना तक पहुंच गई है।
पत्नी और ससुराल पक्ष पर संगीन आरोप : पत्रकार ने अपने आवेदन में लिखा है कि उनकी पत्नी सांया खांडे, ससुर फिरत राम मंवर, सास श्याम बाई मंवर, साला प्रवीण मल्होत्रा (जिला अध्यक्ष, BSP सारंगढ़-बिलाईगढ़), और साली दीपक बघेल ने मिलकर लगातार मानसिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से उन्हें अपमानित करने की साजिश रची है।
उन्होंने बताया कि 25 अक्टूबर 2025 की रात लगभग 8:30 बजे पत्नी ने घर में विवाद किया और चरित्र पर संदेह जताते हुए घर से निकाल दिया। जब वे समझाने गए तो पत्नी ने साथ चलने से इंकार कर दिया। इस दौरान मामूली कहासुनी के बीच उन्होंने उसे मनाने की कोशिश की, पर वह अपने मायके भाग गई।
पत्रकार ने कहा कि अगले दिन पत्नी ने झूठे आरोप लगाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और उनके खिलाफ एफआईआर की धमकी दी। यहां तक कि पत्नी की साली दीपक बघेल ने उन्हें धमकी दी – “अगर तुम तलाक के कागज पर साइन नहीं करोगे, तो मैं तुम्हें झूठे केस में फंसा दूंगी।”
“राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर रहे हैं ससुराल वाले” : पत्रकार ने आरोप लगाया कि ससुराल पक्ष ने बहुजन समाज पार्टी के पदाधिकारी होने का राजनीतिक दबदबा इस्तेमाल करते हुए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को प्रभावित करने की कोशिश की है।
उन्होंने बताया कि 10 नवंबर 2025 को पत्नी और साली ने मिलकर उनके खिलाफ नया झूठा बयान देकर सारंगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिससे वे मानसिक रूप से पूरी तरह टूट गए हैं।
टूटे मन से मांगी इच्छा मृत्यु : अपने आवेदन में पिंगध्वज कुमार ने लिखा –
“मैं बेहद आहत और मानसिक रूप से टूट चुका हूं। यदि मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं सात दिनों के भीतर इच्छा मृत्यु या आत्महत्या के लिए विवश हो जाऊंगा। मेरी मौत की जिम्मेदारी मेरी पत्नी, ससुराल पक्ष और प्रशासन की होगी।”
पत्रकार ने इस आवेदन की प्रतिलिपि राष्ट्रपति, राज्यपाल और पुलिस अधीक्षक सारंगढ़-बिलाईगढ़ को भेजी है।
पत्रकार संगठनों में आक्रोश, जांच की मांग : इस सनसनीखेज प्रकरण के सामने आने के बाद स्थानीय पत्रकार संगठनों में गहरा आक्रोश है। पत्रकारों ने कहा है कि यदि प्रशासन ने इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं की, तो इसे पत्रकारों की आवाज दबाने की कोशिश माना जाएगा।
पत्रकार संघों ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से त्वरित कार्रवाई की मांग की है, ताकि पीड़ित पत्रकार को न्याय मिल सके और पारिवारिक विवाद की आड़ में पत्रकारिता की गरिमा पर हमला न हो।
सवाल यही -क्या सुनी जाएगी एक पत्रकार की व्यथा? : अब पूरा क्षेत्र इस घटनाक्रम को लेकर चर्चा में है। हर ओर यही सवाल उठ रहा है कि –
क्या प्रशासन एक पीड़ित पत्रकार को न्याय देगा, या फिर यह मामला भी “प्रणाली की अनसुनी” का शिकार बन जाएगा?


