खूनी रंजिश का अंत – भैंसाझार जंगल का रहस्य और बिलासपुर पुलिस का ‘ऑपरेशन पर्दाफाश’
बिलासपुर, छत्तीसगढ़। रतनपुर थाना क्षेत्र के भैंसाझार जंगल में कुछ दिन पहले हुई एक नृशंस हत्या (जिसे पुलिस रिकॉर्ड में ‘अंधा कत्ल’ कहा जाता है) की गुत्थी को बिलासपुर पुलिस ने अपनी तेज और वैज्ञानिक जांच के दम पर सुलझा लिया है। इस मामले में पुलिस ने मृतक के दो परिचितों, जो सगे भाई हैं, को गिरफ्तार किया है। यह हत्या किसी तात्कालिक झगड़े का परिणाम नहीं, बल्कि पुरानी और गहरी रंजिश का भयावह अंत थी।
गुमशुदगी से हत्या तक का सफर
घटना की शुरुआत 04/12/2025 को हुई, जब सूर्यप्रकाश बघेल नामक व्यक्ति के परिजनों ने रतनपुर थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू की, लेकिन 05/12/2025 को भैंसाझार जंगल के घने झाड़ियों के बीच सूर्यप्रकाश की मोटरसाइकिल के साथ उसका शव बरामद होने पर पूरा मामला पलट गया। शरीर पर चोट के निशान स्पष्ट बता रहे थे कि यह एक सुनियोजित हत्या है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह (IPS) ने मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए इसे अपनी प्राथमिकता सूची में रखा और तत्काल उच्चाधिकारियों, डॉ. अर्चना झा (अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण) और श्री लालचंद मोहले (SDOP) के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया। FSL और डॉग स्क्वॉड की टीमों को भी तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया ताकि कोई भी बारीक सुराग छूटने न पाए।
तकनीकी साक्ष्य बने हत्यारों के काल
पुलिस ने ‘अज्ञात आरोपी’ के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। यह जांच पूरी तरह से पारंपरिक और तकनीकी साक्ष्यों के मिश्रण पर आधारित थी। टीम ने मृतक के संपर्क में रहने वाले हर व्यक्ति से गहन पूछताछ की। इसी दौरान, जांच का रुख दो सगे भाइयों की ओर मुड़ा – रंजीत खाण्डे (23) और सुधीर खाण्डे (21)।
पता चला कि ये दोनों भाई भैंसाझार गांव के ही निवासी थे, लेकिन मृतक के साथ पुराने विवाद के चलते तीन महीने पहले ही गांव छोड़कर भरारी (भुण्डा) में रहने चले गए थे। यह तथ्य पुलिस के लिए एक बड़ा सुराग साबित हुआ। एसीसीयू (एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट) टीम ने तकनीकी डेटा और कॉल रिकॉर्ड्स का विश्लेषण किया, जिससे संदेह पुख्ता हो गया।
जब दोनों संदेही भाइयों को अभिरक्षा में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई, तो उनकी कहानी टूट गई। उन्होंने अंततः स्वीकार किया कि उन्होंने ही पुरानी रंजिश का बदला लेने के लिए सुनियोजित तरीके से सूर्यप्रकाश बघेल की हत्या की थी।
जघन्य अपराध का खुलासा
आरोपियों ने बताया कि उन्होंने लोहे के पाईप और लकड़ी के बेंत जैसे भारी हथियारों का इस्तेमाल करके इस अपराध को अंजाम दिया था। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार (लोहे का पाईप और बेंत) और घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल को जब्त कर लिया है।
पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस जघन्य वारदात में कोई और व्यक्ति भी शामिल था या क्या कोई अन्य पहलू भी है। इस सफल ऑपरेशन के लिए थाना प्रभारी रतनपुर उनि कमलेश कुमार बंजारे और सायबर सेल प्रभारी निरी. अजहर उद्दीन सहित पूरी टीम की सराहना की गई है।
इस सफलता ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बिलासपुर पुलिस अपराधों के पर्दाफाश के लिए आधुनिक तकनीक और पुलिसिंग के पारंपरिक तरीकों का बेहतरीन तालमेल बिठाने में सक्षम है।


