
BHARTENDU KAUSHIK (REPORTER)
बिलासपुर जिले में नव वर्ष के पहले दिन का आगाज श्रद्धा और उत्साह से हुआ। धार्मिक स्थलों पर भक्तों की भीड़ उमड़ी, जबकि पर्यटन स्थलों ने परिवारों और दोस्तों के लिए मनोरंजन का अद्भुत माहौल बनाया। सुबह की हल्की ठंड और दिनभर की खिली धूप ने इस खास दिन को और यादगार बना दिया। कहीं भक्ति की गूंज सुनाई दी, तो कहीं प्रकृति की गोद में पिकनिक मनाने का उल्लास नजर आया। नव वर्ष का यह पहला दिन न केवल नई ऊर्जा और उम्मीदों से भरपूर था, बल्कि एकता और खुशहाली का संदेश भी लेकर आया। शहर से लगे कानन पेंडारी स्थित मिनी जू में 21700 से अधिक पर्यटक पहुंचे।


प्राथमिक स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध कराई गई। इस दौरान डॉक्टर शरद कुर्रे और उनकी टीम मौजूद थी।

नव वर्ष के आगमन का जश्न हर शहर और हर व्यक्ति के लिए खास होता है। बिलासपुर जिले में इस साल का नव वर्ष बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। धार्मिक स्थलों, पिकनिक स्पॉट्स और पर्यटन स्थलों पर लोगों का जमावड़ा इस बात का प्रमाण था कि कैसे हर वर्ग के लोग इस दिन को खास बनाने के लिए जुटे थे। यहां हम बिलासपुर शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों में नव वर्ष के दिन की गतिविधियों और उत्सव की विस्तृत जानकारी दे रहे हैं।
कानन में सुरक्षा को लेकर सकरी थाना प्रभारी सहित उनकी पूरी टीम मौजूद रही।
-धार्मिक स्थलों पर भक्तों की भीड़

नए साल का स्वागत श्रद्धा और भक्ति के साथ करने की परंपरा बिलासपुर जिले में खास है। जैसे ही सूरज की पहली किरण फिजा में चमकी, लोगों ने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च का रुख किया।
महामाया देवी मंदिर, रतनपुर
यहां सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलीं। श्रद्धालु महामाया देवी के दर्शन के लिए पहुंचे और सालभर के लिए सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। परिवारों ने दर्शन के बाद मंदिर प्रांगण में समय बिताया और नव वर्ष की शुभकामनाएं दीं।

गुरुद्वारा दयालबंद
दयालबंद के गुरुद्वारे में सुबह-सुबह दीवान सजाया गया। दिल्ली और जालंधर से आए कथावाचक और रागी जत्थे ने शबद-कीर्तन से संगत को मंत्रमुग्ध कर दिया। सिक्ख समुदाय और अन्य धर्मों के लोग गुरु की वाणी सुनने पहुंचे।
चर्च और मस्जिदों में प्रार्थना
बिलासपुर के चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की गईं। सेंट फ्रांसिस चर्च में युवाओं और बच्चों ने मिलकर कोरल गायन प्रस्तुत किया। मस्जिदों में भी सुबह विशेष नमाज अदा की गई, जिसमें लोग देश और समाज की भलाई के लिए दुआ मांगने पहुंचे।

पर्यटन स्थलों पर उमड़ी भीड़
बिलासपुर जिले के पर्यटन स्थल नव वर्ष के दिन विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। इन जगहों पर परिवारों और दोस्तों के साथ पिकनिक का मजा लेने के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंचे।
कानन पेंडारी जू
वन्यजीव प्रेमियों के लिए कानन पेंडारी एक आदर्श स्थान साबित हुआ। यहां 21,733 पर्यटक आए, जो पिछले सालों की तुलना में अधिक थे। वर्ष 2024 में 13000 के करीब पर्यटक पहुंचे थे। जू प्रशासन ने पर्यटकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की थीं, जैसे पानी की टंकियां, सहायता केंद्र, और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र। बच्चों ने जानवरों को देखकर खूब आनंद लिया और परिवारों ने प्रकृति की गोद में समय बिताया। पुलिस ने भी भगदड़ नाम अच्छे इसका ख्याल रखते हुए सुरक्षा के खड़े इंतजाम किए थे इसके अलावा यातायात व्यवस्था बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी।
बच्चों ने खूब उछल कूद और मस्ती की।
खूंटाघाट जलाशय
पानी के किनारे पिकनिक मनाने के लिए खूंटाघाट जलाशय में सुबह से शाम तक भीड़ रही। यहां बच्चों ने खेलकूद का आनंद लिया, जबकि युवाओं ने नाव की सवारी की।
घोंघा बांध और बिलासा ताल
इन जगहों पर भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। परिवारों ने चाय-नाश्ता और खाना बनाने के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लिया।

नव वर्ष की पूर्व संध्या का जश्न
31 दिसंबर की रात से ही बिलासपुर में नए साल के स्वागत का सिलसिला शुरू हो गया था। होटलों, रेस्टोरेंट और कैफे में विशेष आयोजन किए गए।
रेस्टोरेंट और कैफे की रौनक
बिलासपुर के प्रमुख रेस्टोरेंट और होटल में डिनर पार्टियों का आयोजन किया गया। यहां लाइव म्यूजिक और डांस का माहौल देखने को मिला।
युवाओं का जोश
नव वर्ष की रात युवाओं के लिए खास रही। उन्होंने सड़कों पर आतिशबाजी और दोस्तों के साथ पार्टी कर नए साल का स्वागत किया।

पारिवारिक आयोजनों की धूम
बिलासपुर के घर-घर में नव वर्ष को लेकर उत्साह था। परिवारों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं और घर पर विशेष पकवान बनाए। कई परिवारों ने सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और बच्चों के लिए खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया।
सार्वजनिक आयोजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम

सांस्कृतिक कार्यक्रम
शहर के विभिन्न सामुदायिक हॉल और पार्कों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। बच्चों और युवाओं ने संगीत, नृत्य और नाटकों से दर्शकों का मनोरंजन किया।
कल्याणकारी गतिविधियां
नव वर्ष के मौके पर कई समाजसेवी संगठनों ने गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन और कपड़ों की व्यवस्था की।
शहर की सजावट और सुरक्षा व्यवस्था
नए साल के मौके पर शहर को रोशनी और सजावट से सजाया गया था। प्रमुख चौराहों और सड़कों पर बिजली की झिलमिलाती झालरें लोगों को आकर्षित कर रही थीं।
सुरक्षा व्यवस्था
भीड़ को संभालने के लिए पुलिस प्रशासन ने कड़ी व्यवस्था की थी। ट्रैफिक पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर डायवर्जन किया ताकि लोगों को ट्रैफिक जाम का सामना न करना पड़े।
खुशनुमा मौसम ने बढ़ाया उत्साह
बिलासपुर का मौसम नव वर्ष के मौके पर बेहद सुहावना था। सुबह हल्की ठंड ने शहर की खूबसूरती बढ़ा दी। जैसे-जैसे दिन चढ़ा, धूप खिली और लोगों ने पिकनिक स्थलों पर खुलकर आनंद लिया।
लोगों ने क्या कहा
नव वर्ष पर शहरवासियों का जोश देखते ही बनता था। यहां के लोगों ने इसे एकता और खुशहाली के प्रतीक के रूप में मनाया।
युवाओं का उत्साह
युवाओं ने कहा कि यह दिन उन्हें नई ऊर्जा और सपने पूरे करने की प्रेरणा देता है।
परिवारों की खुशी
परिवारों ने इसे साथ बिताने का मौका बताया और आने वाले साल के लिए शुभकामनाएं दीं।
नव वर्ष: एकता और खुशहाली का संदेश
बिलासपुर जिले का यह नव वर्ष केवल उत्सव तक सीमित नहीं था, बल्कि यह एकता, भक्ति, और पर्यावरण प्रेम का संदेश भी दे रहा था। लोगों ने मिलकर न केवल जश्न मनाया, बल्कि समाज को बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाए।