
BHARTENDU KAUSHIK (REPORTER)
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2160 करोड़ रुपये के शराब घोटाला केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक लखमा के साथ उनके बेटे हरिश लखमा को भी गिरफ्तार किया गया है।कवासी लखमा ने कहा कि उनके खिलाफ मोदी,शाह और बीजेपी सरकार के इशारे पर झूठा मामला बनाया गया है।उनके यहां जांच में कोई पैसा भी नहीं मिला है।

बीते साल दिसंबर में ईडी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक कवासी लखमा के घर पर रेड मारी थी. जांच एजेंसी ने करीब 7 जगहों पर छापेमारी की थी. इस छापेमारी में ईडी के अधिकारी 50 से ज्यादा और करीब 100 जवान शामिल थे.
लखमा को हर महीने 50 लाख
पूर्व मंत्री लखमा पर आरोप है कि साल 2020 से 2022 तक जब वो छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री थे, तब उन्हें हर महीने 50 लाख रुपये दिये जाते थे. ये पैसा वो कमीशन के तौर पर लेते थे.
एफआईआर में एसीबी ने क्या-क्या कहा है
कथित शराब घोटाले में एसीबी में हुई एफआईआर के बाद ईडी जांच कर रही है. एफआईआर में 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है. ईडी की जांच में ये बात सामने आई है कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में कई नेता और अफसर अवैध सिंडिकेट चलाकर शराब घोटाले को अंजाम दे रहे थे.
मंत्री बनने का प्रभाव और घोटाले में नाम आना…
2018 में जब कवासी लखमा को कोंटा विधानसभा सीट से जीतने के बाद कांग्रेस सरकार में आबकारी और उद्योग मंत्री बनाया गया, तो उसी दौरान छत्तीसगढ़ का सबसे चर्चित शराब घोटाला हुआ। इस घोटाले में उनका नाम भी सामने आया, जिसके बाद ईडी ने उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाए और गिरफ्तारी की कार्रवाई की।
कमीशन का बड़ा हिस्सा लखमा के पास जाता था
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि तत्कालीन आबकारी मंत्री लखमा को इसकी जानकारी थी. एफआईआर में इस बात का भी जिक्र है कि कमीशन का बड़ा हिस्सा लखमा के पास भी जाता था. 2 हजार 161 करोड़ के शराब घोटाले में एसीबी ने 70 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.

जाने पूर्व मंत्री कवासी लखमा का जीवन परिचय
कवासी लखमा का जन्म 1953 में सुकमा जिले के ग्राम नागारास में हुआ था। वे गोंड आदिवासी समाज से आते हैं और माडिया जाति के हैं। उनके पिता स्व: कवासी हिड़मा है। वे पांचवी कक्षा तक पढ़ाई की है। लेकिन उन्हें पांच भाषाओं की ज्ञान है। राजनीति में कदम रखने से पहले वे पंचायत के पंच पद से जुड़े थे और दो बार सर्वश्रेष्ठ सरपंच पुरस्कार भी जीत चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न समितियों में सदस्य के रूप में कार्य किया और विदेश यात्रा भी की।
कवासी लखमा को ‘दादी’ क्यों कहते हैं?
बस्तर में कवासी लखमा को ‘दादी’ के नाम से जाना जाता है। यहां ‘दादी’ शब्द का अर्थ होता है किसी को अत्यधिक प्रेम और सम्मान देना। उनका यह सम्मान उनके राजनीतिक जीवन और समाज में उनकी भूमिका को लेकर है।

2023 में चुनाव जीतने के बाद भी विवाद
2023 में छठी बार विधायक चुने जाने के बावजूद, शराब घोटाले में उनका नाम आने से उनका राजनीतिक भविष्य सवालों के घेरे में आ गया। हालांकि, उन्होंने फिर भी जीत हासिल की और कांग्रेस पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए बस्तर से प्रत्याशी घोषित किया। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
कवासी लखमा की गिरफ्तारी: राजनीतिक हलकों में चर्चा..
कवासी लखमा की गिरफ्तारी ने छत्तीसगढ़ के राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। शराब घोटाले के आरोपों के बाद उनका राजनीतिक करियर अब एक नई दिशा में जा सकता है।