
BHARTENDU KAUSHIK (REPORTER)
बिल्हा/ जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 05 की राजनीति में एक नई ऊर्जा का संचार हो रहा है। इस बदलाव की अगुवाई कर रहे हैं युवा और जुझारू नेता कमल , जिनका चुनावी जनसंपर्क अभियान पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। गाँव-गाँव में उनका स्वागत न केवल एक नेता के रूप में बल्कि एक बेटे के रूप में किया जा रहा है।

प्रत्याशी कमल सन्नाडय का एक तरफा समर्थन दिख रहा है। बिल्हा क्षेत्र की जनता कमल सन्नाडय को अपना जन प्रतिनिधी चुन कर क्षेत्र का विकास करना चाहते है। कमल सन्नाडय को चुनाव चिन्ह छाता छाप मिला है। कमल अपने सर्थको के साथ चुनाव चिन्ह छाता लेकर चुनावी प्रचार पर निकली है। घर घर जाकर लोगो से छाता छाप पर वोट देने की अपील कर रही है।


युवा जोश और बुजुर्गों का विश्वास –
यह दृश्य बताने के -लिए काफी था कि कमल सन्नाडय जनता के कितने करीब पहुँच चुके हैं।कमल सन्नाडय की सबसे बड़ी ताकत है जनता से सीधा संवाद। वे केवल वादे करने में विश्वास नहीं रखते, बल्कि गाँव के बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं और किसानों से खुलकर चर्चा करते हैं, उनकी समस्याएँ समझते हैं और समाधान का भरोसा दिलाते हैं। उनका यही अपनापन उन्हें जनता के और करीब ला रहा है।



नेता नहीं, बेटा कहिए – कमल
कमल सन्नाडय बार-बार कहते हैं, “नेता नहीं, बेटा कहिए,मेरा उद्देश्य केवल चुनाव जीतना नहीं, बल्कि जनता की सेवा करना है। मैं खुद को नेता नहीं, बल्कि इस क्षेत्र का बेटा मानता हूँ, और इस मिट्टी की सेवा ही मेरा पहला कर्तव्य है।” कमल की मिलनसारिता और सहज संवाद शैली ने लोगों के दिलों में उनके लिए एक विशेष स्थान बना दिया है। गाँव के कई बुजुर्गों ने उन्हें आशीर्वाद देते
हुए कहा, “कमल बेटा, तुम हमारे अपने हो। हमें गर्व है कि हमारे क्षेत्र को अब एक ऐसा नेता मिल रहा है, जो हमारी चिंता करता है।”
‘छाता छाप’ चुनाव चिन्ह बना ग्रामीणों की पहली पसंद..
ग्रामीण मतदाता ‘छाता छाप’ चुनाव चिह्न पर अपना समर्थन जता रहे हैं। हर गाँव, हर चौपाल और हर नुक्कड़ पर कमल सन्नाडय के समर्थन की चर्चा करते नजर आते हैं।


युवा नेतृत्व, नई सोच और मजबूत इरादे…
कमल सन्नाडय केवल एक चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार नहीं हैं, बल्कि युवा शक्ति और नई सोच के मालिक हैं। कमल ने राजनीति में युवा नेतृत्व की एक नई काबिल मिसाल कायम की है। उनकी रणनीति साफ है – समस्याओं का समाधान, विकास की नई पहल और जनता के साथ सीधा संवाद। उनका चुनावी अभियान सिर्फ एक प्रचार नहीं, बल्कि एक आंदोलन बनता जा रहा है।
बहरहाल आगामी चुनाव में जनता का फैसला क्या होगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इतना तय है कि कमल सन्नाडय ने अपने विचार, मेहनत और समर्पण से गाँव-गाँव में बदलाव की लहर ला दी है।
जनसंपर्क की कुछ तस्वीरें…




