
उमाशंकर शुक्ला की खास रिपोर्ट
bilaspur news बिना टेंडर और फंड से जनता के पैसों से घटिया नाला नाली का निर्माण ..!
विधायक प्रतिनिधि के सामने बिफरे पार्षद जय वाधवानी, कहा जो छापना है छाप लो .. होकर रहेगा निर्माण ..??

बिलासपुर नगर निगम के वार्ड क्रमांक 50 में खुलेआम जनता के पैसों का दुरुपयोग घटिया नाला नाली का निर्माण किया जा रहा है। बिना टेंडर बिना एग्रीमेंट और बिना लागत तय किए बसंत बिहार चौक से पहले करीब 200 मीटर नाला नाली का निर्माण काम चालू है। इस नाले नाली को कई जगह पर घुमाया भी गया है जिसकी वजह से स्थानीय लोगों में भी नाराजगी देखी गई। बसंत बिहार चौक के पास चल रहे इस निर्माण के लिए किस मद से पैसा

जारी किया है इसका भी वार्ड पार्षद, इंजीनियर, जोन कमिश्नर इस नाले की तरह घुमावदार जवाब दे कर बचते नजर आ रहे है। जहां जोन कमिश्नर और वार्ड पार्षद पहले इसे स्मार्ट सिटी के टेंडर का काम बता रहे थे वहीं निगम कमिश्नर अमित कुमार द्वारा स्मार्ट सिटी योजना बिलासपुर में बंद होने की जानकारी देने के बाद अब पार्षद ने भी यू टर्न लेते हुए अब इसे निर्माण को आपातकालीन मद से होने की बात कह रहे है।

बिना टेंडर और बिना लागत के चल रहे इस निर्माण कार्य की जानकारी मिलते ही बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने अपने प्रतिनिधि उमेश गौरहा को जांच के लिए मौके पर भेजा। विधायक प्रतिनिधि ने भी निरीक्षण के बात माना कि बिना गुणवत्ता को ध्यान में रख कर घटिया निर्माण किया जा रहा है और यह काम बिना टेंडर के किया जा रहा है। हालांकि इस कार्य के लिए किस मद के तहत राशि जारी की गई है इसका वो भी साफ साफ जवाब देने असमर्थ दिखे बीजेपी नेता उमेश जी ने भी माना कि नाले के निर्माण के लिए तमाम नियम कायदे को ताक में रखकर गुणवत्ताविहीन काम को अंजाम दिया जा रहा है।

वहीं इस मामले में बीजेपी के एक कद्दावर पार्षद ने भी इस मामले में निगम कार्यालय में बैठकर जोन कमिश्नर से इस मुद्दे पर फोन में बातचीत के बात माना कि मुख्य मार्ग में निर्माण के लिए टेंडर होना अनिवार्य है और नाले या नाली निर्माण के लिए एक ही तरीके की लंबाई और मोटाई तय रहती है और इसको नियम के तहत पूरे नाले निर्माण में कम या ज्यादा नहीं किया जा सकता है।
वहीं स्थानीय निवासियों का भी कहना है कि बिना टेंडर के चल रहे इस घटिया निर्माण के समय निगम के अधिकारी या इंजीनियर भी मौजूद नहीं रहते है।
अब देखना होगा कि अभी तक बिना टेंडर और बिना लागत और अदृश्य फंड से चल रहे इस निर्माण में विधायक प्रतिनिधि द्वारा जांच में नियमों के विपरित और गुणवत्ताविहीन चल रहे इस घटिया निर्माण की जांच कब तक होती है, और इस घटिया निर्माण के लिए जनता के पैसों को बर्बाद करने वाले निगम अफसरों पर प्रतिनिधि क्या एक्शन लेते है। और सबसे बड़ा सवाल है कि इस घटिया निर्माण करने वाले ठेकेदार को किस मद से कितना और कब भुगतान किया जाएगा ..??