
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
16 मई को बलौदा बाजार, छत्तीसगढ़ में गिरौधपुरी के जयस्तंभ काटे जाने के विरोध में सतनामी समाज और अन्य लोग एकत्र हुए। विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया, जिसमें कुछ उपद्रवियों ने तोड़फोड़, आगजनी की और कलेक्ट्रेट को आग के हवाले कर दिया।

10 जून को फिर आ रहे है सतनामी बघवा सीबीआई जांच की मांग लेकर
बलौदा बाजार की घटना को एक वर्ष से अधिक हो गया, परंतु मांगें अभी भी सिर्फ कागजों तक सीमित हैं। सरकार ने सतनामी समाज की पुकार नहीं सुनी। समाज ने बार-बार न्याय की गुहार लगाई, पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिससे आक्रोश और पीड़ा बढ़ती जा रही है।

सभी आंदोलनकारी सरकार से मांग कर रहे हैं कि कोनी में जैत स्तंभ और बलौदा बाजार में हुई तोड़फोड़ की सीबीआई जांच करवाई की जाए। साथ ही, 189 गिरफ्तार किए गए गरीब व असहाय पीड़ित आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमों को तुरंत निरस्त किया जाए। आंदोलन में सैकड़ों की संख्या में साथी शामिल हुए। सतनामी समाज के भाईयों का सादर सम्मान किया गया। कार्यक्रम में क्रांतिकारी अधिवक्ता जितेन्द्र बंजारा, विनोद बंजारा, टाइगर बंजारे, कमलकांत पाटले और अन्य प्रमुख नेता व सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने न्याय और समानता की लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया।