
पुरानी पेंशन को लेकर सकारात्मक निर्णय लेने का आदेश नियमानुसार पेंशन का लाभ नहीं, लगाई याचिका
बिलासपुर हाई कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को 50 दिनों में याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर सकारात्मक निर्णय लेने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता ने नियमानुसार पेंशन का लाभ नहीं मिलने को लेकर याचिका लगाई है।

गीता चौधरी पति लखन चौधरी की नियुक्ति 27 जुलाई 1998 को शिक्षा कर्मी वर्ग एक में जिला पंचायत के द्वारा हुई थी। इसके पश्चात 28 सिंतबर.2018 को स्कूल शिक्षा विभाग में व्याख्याता के पद पर उनका संविलियन किया गया था। शासन ने एक आदेश जारी किया कि शिक्षक एलबी वर्ग (शिक्षा कर्मियों) को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा अवधि की गणना न कर एवं छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 के तहत पुरानी पेंशन योजना का लाभ न प्रदान करते हुए संविलियन दिनांक से गणना कर नई पेंशन योजना का लाभ दिया जाए। इससे व्यथित होकर गीता चौधरी ने स्कूल शिक्षा विभाग के
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सचिव को 2023 में एक अभ्यावेदन दिया। इसमें मांग किया कि उनकी नियुक्ति 27 जुलाई 1998 की है। पुरानी पेंशन व समस्त लाभ के लिए सेवा अवधि 1998 यानी 20 वर्ष से गणना नहीं किए जाने से पेंशन नियम 1976 के तहत पेंशन लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है। इसलिए पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने दो वर्ष बीत जाने के बाद अभ्यावेदन पर निर्णय नहीं लिया। तब गीता चौधरी ने अधिवक्ता नसीमुद्दीन अंसारी और रियाजद्दीन शेख के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की। अधिवक्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता की प्रथम नियुक्ति 27 जुलाई 1998 की है। इसके बाद कोई नई नियुक्ति विभाग के द्वारा जारी नहीं की गई है। इन सब तथ्यों से सहमत होते हुए हाई कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को 50 दिनों के अंतर्गत अभ्यावेदन पर पुरानी पेंशन व समस्त देयक पर सकारात्मक निर्णय. लेने का आदेश दिया है।