
आज अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यपरिषद की बैठक का विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों से आए छात्र प्रतिनिधियों ने विरोध किया, ज्ञात हो कि अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रभारी कुलसचिव और उच्च अधिकारियों के भ्रष्टाचार पूर्ण आचरण, भर्ती प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी व बिना किसी दूरदर्शी सोच के किए जा रहे निर्माण एवं उन्नयन कार्यों में लगातार हो रहे राशि के दोहन को लेकर गुस्साए छात्रों ने आज आहूत कार्यपरिषद की बैठक में अपना विरोध दर्ज किया, जिसमें कार्यपरिषद की बैठक की विधि पूर्वक अग्रिम सूचना प्रदान ना करने, कार्यपरिषद की बैठक में लिए निर्णयों, नियमों में किए संशोधनों की सूचना विश्वविद्यालय के वेबसाइट में अपलोड ना करके छुपा कर रखने की शिकायत की साथ ही विश्वविद्यालय में बार बार किए जा रहे निर्माण एवं रेनोवेशन के कार्यों से भी छात्र, शिक्षक व कर्मचारी सभी परेशान है 30 लाख रु की लागत से बनाया गया नेचुरोपैथी सेंटर, 10 लाख रु की राशि से बना मशरूम उत्पादन कुटीर, बिना मापदंड के 3 बार बनाया पार्किंग स्थल व लेन वाईफाई सिस्टम एक वर्ष भी नहीं टिक पाया है इसके साथ ही पूर्व में बने सभागार को तोड़कर फिर 2 करोड़ की बड़ी लागत से लैंग्वेज लैब बनाया गया जिसकी छात्रों को आवश्यकता नहीं थी ना ही इसमें बनने के बाद एक वर्षों में कोई कक्षाएं नहीं हो पाईं है, विश्वविद्यालय में खरीदे गए ई रिक्शा, ट्रैक्टर व ट्राली का उपयोग आज तक नहीं किया गया है जो कि केवल जेबें भरने के लिए भ्रष्टाचार का होना साफ दर्शाता है, प्रभारी कुलसचिव डॉ शैलेंद्र दुबे भी नियमों के विरुद्ध जाकर बड़े कार्यों को स्प्लिट करके कोटेशन के माध्यम से अपने चहेतों को देते है और वित्तीय शक्तियों का धड़ल्ले दुरुपयोग करते आए हैं,

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एडीएन वाजपेई भी स्वयं की छवि गढ़ने के लिए विश्वविद्यालय के संसाधनों का उपयोग निजी प्रचार के लिए कर रहे है उनके पास कॉलेजों के लिए कोई दूरदर्शी विजन नहीं है, कुलपति वाजपेई पूर्व में भी 2 विश्वविद्यालयों से गलत आचरण को लेकर बर्खास्त किए जा चुके है, छात्र प्रतिनिधि नीरज यादव ने आरोप लगाया कि कुलपति प्रो वाजपेई बहरूपिए के रूप में काम करते आए है पूर्ववर्ती सरकार में दिवंगत कांग्रेस नेताओं के ऊपर शोध पीठ, स्मृति व्याख्यान किया करते थे अपने रूप को समय के साथ बदलते रहते है, छात्रों से मिलने के लिए कुलपति के बाहर ना आने से छात्रों ने बेहरा छात्र विरोधी कुलपति होने के नारे भी विश्वविद्यालय में गूंजते रहे अंतिम में प्रभारी कुलसचिव शैलेंद्र दुबे ने आकर छात्रों से मुलाकात की परंतु वे भी सवालों के जवाब देने में असमर्थ नजर आ रहे थे, छात्र प्रतिनिधियों ने नियमित कुलसचिव की भर्ती किए जाने, विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों पर कार्यवाही करने के साथ व्यवस्थाओं में जल्द सुधार लाने की मांग की, इस दौरान विशेष रूप से छात्र प्रतिनिधि नीरज यादव, आकाश शुक्ला, कुनाल मिश्रा, उज्ज्वल यादव, राहुल राजपूत, स्वप्निल पांडेय, सौरभ दुबे, मौर्य, सारांश, रुद्र, निखिल सहित बड़ी संख्या में छात्र, पुलिस बल भी तैनात रहा।