
उप संपादक अजय द्विवेदी
भू अभिलेख शाखा में पदस्थ अधीक्षक को लेकर गंभीर शिकायत हुई है। अधीक्षक पर आरोप लग रहे है कि ट्रांसफर सूची में नाम जोड़ने
बिलासपुर। भू अभिलेख शाखा में पदस्थ अधीक्षक को लेकर गंभीर शिकायत हुई है। अधीक्षक पर आरोप लग रहे है कि ट्रांसफर सूची में नाम जोड़ने और काटने के नाम पर भरपूर वसूली हो रही है। यही नहीं विवादित जमीन की खरीदी बिक्री से रोक हटवाने में भी बड़ी भूमिका निभा रहे है।

भू अभिलेख शाखा के अधीक्षक खेलेंद्र सिंह यादव पिछले 6 साल से बैठे है। जिले में पटवारी और राजस्व निरीक्षकों की ट्रांसफर सूची उनके हाथ में पहले ही लग जाती है। सूची हाथ लगते ही पटवारी और RI को फोन करके उगाही शुरू कर देते है। जब इनसे मनचाही रकम मिल जाती है तो उन्हीं मनचाही पोस्टिंग भी मिल जाती है। नहीं मिलने पर सूची बदलकर दूर दराज के गांवों में ट्रांसफर कर दिया जा रहा है। कई बार तो ट्रांसरफ की सुगबुगाहट मिलते ही पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों का नाम मनचाही गांवों के लिए जोड़ दिया जाता है। अवनीश शरण के कलेक्टर रहते जब उन्हें इस गोरखधंधा का पता चला तो उन्होंने उसके बनाए सूची को ही निरस्त कर दिया था। लेकिन उनके ट्रांसफर होते ही उनका दुकान फिर आज गया है। रोज किसी न किसी राजस्व निरीक्षक और प्रवृतियों को फोन करके उगाही शुरू कर दिया है। कई बार तो उन्हें हवे में ही फोन करके ट्रांसफर के नाम पर उगाही कर ले रहे है। उनके खिलाफ हुई शिकायत में यह भी कहा गया है कि बिलासपुर जिले में विवादित जमीनों की खरीदी बिक्री से रोक हटाने का काम भू अभिलेख शाखा से होता है जिसमे श्री यादव लम्बा वसूली करते है। यही नहीं बिलासपुर के विवादित जमीनों के सीमांकन का ठेका भी ले रहे है और एकपक्षी प्रतिवेदन बनवाने के लिए सीमांकन दल पर दबाव बनाते है। एक वर्ष पूर्व बिलासपुर जिले के डायवर्सन निर्धारण एवं संधारण का कार्य भू अभिलेख शाखा से चल रहा था जिसका नियन्त्रण अधिकारी भी श्री यादव ही थे। उनके द्वारा नियम – कानून को दरकिनार करते हुए मनमाफिक नियम बनाकर वसूली करते थे। इसकी शिकायत भी तत्कालीन कलेक्टर से हुई थी। इसके बाद कलेक्टर ने सभी डायवर्सन राजस्व निरीक्षको को तहसीलों में बैठकर करने के लिए आदेश जारी किया था। श्री यादव के खिलाफ कई बार शिकायत हो चुकी है लेकिन हर बार वो अपने पैसे और पहुंच के दम पर फिर वहीं पहुंच जाते है। उनके खिलाफ कार्रवाई तो दूर की बात है ट्रांसफर करने की हिम्मत कोई नहीं उठा पाता।