
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
बिलासपुर / चांटीडीह रपटा चौक क्षेत्र में नगर निगम की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश है। विशेषकर महिलाएं — फरीदा खातून, शबनम बेगम, परवीन बेगम, शहनाज बेगम, सपना विश्वकर्मा सहित कई अन्य — निगम की मनमानी कार्यप्रणाली से बेहद परेशान हैं।
फरीदा खातून (58) ने बताया कि उन्होंने पहले ही सड़क चौड़ीकरण के नाम पर अपने मकान का एक बड़ा हिस्सा तोड़ दिया है और अब सिर्फ एक कमरा शेष है। बावजूद इसके 12 जून को नगर निगम कर्मियों और पूर्व पार्षद विष्णु साहू द्वारा मकान पूरी तरह ढहाने की चेतावनी दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि यदि मकान खाली नहीं किया गया तो जेसीबी से जबरन ढहाया जाएगा और इसके परिणामस्वरूप किसी भी जान-माल की हानि की जिम्मेदारी पीड़ितों की होगी।

स्थिति तब और गंभीर हो गई जब फरीदा खातून ने आत्मदाह की चेतावनी दी। उनका कहना है कि यदि उनका अंतिम ठिकाना भी उजाड़ा गया तो वे आत्महत्या करने को मजबूर होंगी, जिसकी जिम्मेदारी नगर निगम और जिला प्रशासन की होगी।
महिलाओं का दावा है कि वे 45 वर्षों से उसी जमीन पर रह रही हैं और भूमि को लेकर विवाद पहले ही न्यायालय में लंबित है। ऐसे में न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने तक किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ को रोका जाना चाहिए।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मानवीय आधार पर अपील की है कि वे बेघरों पर कार्रवाई न करें और जब तक न्यायालय का फैसला न आ जाए, तब तक स्थिति यथावत रखी जाए।