
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
बिलासपुर / घुरू (तहसील सकरी) क्षेत्र में नगर निगम द्वारा अचानक की गई कार्यवाही से ग्रामीणों में आक्रोश है। आरोप है कि केवल 24 घंटे का नोटिस देकर निगम ने वर्षों से रह रहे गरीब ग्रामीणों के घर तोड़ दिए, और उन्हें किसी प्रकार का वैकल्पिक आवास भी नहीं दिया गया।
ग्रामीणों का कहना है कि वे पिछले 30-35 वर्षों से शासन के आवासीय भूखंड पर रह रहे हैं। इतने लंबे समय से निवास के बाद भी अचानक तोड़फोड़ कर उन्हें बेदखल कर देना अमानवीय है। घर टूटने के बाद वे झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं, जहां जहरीले बिच्छुओं व सांपों का डर बना रहता है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जहां एक ओर गरीबों को घर देने की बात हो रही है, वहीं दूसरी ओर ऐसे क्रियाकलाप सरकारी योजनाओं की मंशा पर सवाल खड़े करते हैं।
ग्रामीणों ने इस अन्याय के खिलाफ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है और जल्द से जल्द वैकल्पिक आवास की मांग की है। हालांकि, अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है।
अब देखना होगा कि प्रशासन ग्रामीणों की इस गंभीर समस्या पर कब तक संज्ञान लेता है या फिर ये बेघर लोग आवास के लिए भटकते रहेंगे।