
रिपोर्टर — सुरज पुरेना
Bilaspur news / बिलासपुर, सिम्स ने चिकित्सा क्षेत्र में एक और अहम उपलब्धि दर्ज की है। रेडियोलॉजी और सर्जरी विभाग के संयुक्त प्रयास से ऑपरेशन के दौरान सोनोग्राफी की मदद से 10 वर्षीय बालक के पैर में फंसे लोहे के चार टुकड़े सफलतापूर्वक निकाले गए।


लमेर निवासी आदित्य खांडे (10) पिता दीप कुमार चार माह पूर्व साइकिल दुर्घटना में घायल हो गया था। हादसे में साइकिल का टायर फटने से निकला लोहे का तार उसके दाहिने पैर में घुस गया। तार पैर में टूटकर चार टुकड़ों में (लंबाई 2 से 5 सेमी) मांसपेशियों में धंस गया। लगातार दर्द और सूजन के कारण तीन दिन पूर्व परिजन उसे सिम्स लाए।
सर्जन डॉ. बी.डी. तिवारी ने जांच कराई, जिसमें एक्सरे और सोनोग्राफी से पुष्टि हुई कि तार मांसपेशियों में गहराई तक धंसा है और मवाद बन चुका है। स्थिति को गंभीर मानते हुए डॉ. ओ.पी. राज और डॉ. बी.डी. तिवारी ने ऑपरेशन का निर्णय लिया।

चीरफाड़ को न्यूनतम रखने और तार की सटीक लोकेशन जानने के लिए रेडियोलॉजी विभाग की मदद ली गई। विभागाध्यक्ष डॉ. अर्चना सिंह के निर्देशन में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अमन अग्रवाल ने ऑपरेशन थिएटर में ही लाइव सोनोग्राफी कर तारों की सटीक स्थिति चिन्हित की। इसके आधार पर सर्जनों ने बेहद कम चीरफाड़ कर सभी चार टुकड़ों को निकाल दिया।
इस जटिल सर्जरी में सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. रघुराज सिंह, एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. मधुमिता मूर्ति, डॉ. भावना रायजादा, डॉ. मिल्टन, डॉ. श्वेता कुजूर और डॉ. मयंक अग्रे का सराहनीय योगदान रहा।
सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमनेश मूर्ति और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने चिकित्सकों की टीम को बधाई देते हुए कहा कि दूर-दराज़ के मरीजों के लिए यह सेवा भावना अनुकरणीय है और संस्थान के गौरव को बढ़ाने वाली है।