
सिम्स में मनाया गया विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस
बिलासपुर, 10 अक्टूबर 2025/विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर सिम्स के मनोरोग विभाग द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस वर्ष डब्ल्यूएचओ द्वारा सेवाओं तक पहुँच-आपदाओं और आपात स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य की थीम पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 10 अक्टूबर से 10 नवम्बर तक मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता पखवाड़ा घोषित किया गया है जिसके अंतर्गत विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में सिम्स महाविद्यालय के डीन डॉ रामनेश मूर्ति, विशिष्ट अतिथि डॉ लखन सिंह चिकित्सा अधीक्षक सिम्स चिकित्सालय एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ भूपेंद्र कश्यप नोडल अधिकारी सिम्स, डॉ मधुमिता मूर्ति विभागध्यक्ष एनेस्थेसिया सिम्स थी। अन्य अतिथि गण में डॉ आरती पाण्डेय, डॉ अमित श्रीवास्तव, डॉ राकेश नहरेल, डॉ शिक्षा जांगड़े उपस्थित थे।
मानसिक स्वास्थय जागरूकता रैली का आयोजन सिम्स महाविद्यालय में किया गया जिसमे डीन द्वारा रैली को हरी झंडी दिखाई गई। रैली में सिम्स महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं नर्सिंग कालेज की छात्राओं एवं शिक्षकों ने भाग लिया तथा लोगो को मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम के दूसरे चरण में सिम्स सभागार में जागरूकता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे विभागध्यक्ष डॉ सुजीत नायक द्वारा बाँसुरी वादन एवं तबले पर डॉ सुधांशु भट्ट ने मनमोहक प्रस्तुति दी। डीन डॉ रामनेश मूर्ति द्वारा प्राकृतिक आपदा, महामारी, युद्ध जैसी परिस्थिति में मानसिक स्वास्थय के महत्त्व एवं उपयोगिया के बारे में विचार साझा किया गया। उन्होंने स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर हम कैसे अपने मानसिक स्वास्थय को बेहतर कर सकते है जानकारी दी। डॉ राकेश जांगड़े, डॉ अंकिता खरे ने भी इस संबंध में अपने विचार रखें। सांदीपनी नर्सिंग कालेज के छात्राओं द्वारा मोबाइल फोन की लत विषय में मूक नाट्य मंचन किया गया। बिलासा नर्सिंग कालेज के छात्रों द्वारा विभिन्न प्रकार के मनोरोगों के बारे में पोस्टर बना कर जानकारी प्रदर्शित की गयी। आत्महत्या विषय में शासकीय नर्सिंग कालेज द्वारा नाट्य प्रस्तुति दी गयी। डॉ सुजीत नायक द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया। सम्पूर्ण कार्यक्रम के सफल होने में डॉ गौरीशंकर सिंह, डॉ किशन दिनकर, डॉ अलीश मेहेर, डॉ अंशुल गुप्ता, डॉ प्रियांश दुबे, डॉ सत्यास्मिता जेना, डॉ तुलेश्वर एवं डॉ पायल सोमनानी ने योगदान दिया।
